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आंगनवाड़ी सेविकाओं पर मनपा की दादागीरी! … बाल विकास विभाग का करना होगा काम

– भरना होगा लाडली बहन योजना का फॉर्म

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य की महिलाओं को खुश करने के लिए घाती सरकार द्वारा शुरू की गई लाडली बहन योजना का फॉर्म भरने के लिए मुंबई मनपा के अधिकारी आंगनवाड़ी सेविकाओं पर दादागीरी दिखाकर उन पर दबाव बना रहे हैं। हालांकि, आंगनवाड़ी सेविकाओं का कहना है कि यह काम बाल विकास विभाग का है। लेकिन इसे करने के लिए हमें मजबूर किया जा रहा है। इसी तरह राज्य में भी यह जिम्मा आंगनवाड़ी सेविकाओं के कंधों पर ही सौंपा गया है। दूसरी तरफ प्रदेश में करीब ६०,००० आंगनवाडी सेविकाओं की आयु ५५ वर्ष से अधिक है ऐसे में सवाल या उठ रहा है कि ये सेविकाएं इस काम को वैâसे पूरा करेंगी। दूसरी तरफ यह जिम्मा शिक्षकों पर भी लादा गया है जिससे वे भी नाखुश दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि घाती सरकार की यह योजना आखिरकार वैâसे पूरी होगी। फिलहाल जनता समझ चुकी है कि गद्दार सरकार का ये केवल लॉलीपॉप ही है।
सरकार ने वादा किया है कि रक्षाबंधन के पहले ही राज्य की बहनों के खाते में १,५०० रुपए जमा हो जाएगा। लेकिन इस काम में अभी से व्यवधान आने शुरू हो गए हैं। मुंबई मनपा के अधिकारी दादागीरी करते हुए बालविकास विभाग के अंतर्गत आनेवाली इस योजना के लाभार्थियों के फॉर्म को भरने की जिम्मेदारी शिक्षकों और सेविकाओं आदेश जारी कर दी है। महाराष्ट्र राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के राजेश सिंह ने कहा कि मुंबई में २३ प्रोजेक्ट पर २०० आंगनवाड़ी सेविकाओं को नियुक्त किया गया है। इस तरह हर प्रोजेक्ट पर पांच से छह आंगनवाड़ी सेविकाएं कार्यरत हैं। संघ के राजेश सिंह का कहना है कि मोबाइल पर फार्म भरना आसान नहीं है। इसके साथ ही सिंह का यह भी कहना है कि गरीबी रेखा वाले परिवारों का पता लगाना बहुत कठिन काम है। क्योंकि बहुत से लोग ढाई लाख की आय के स्त्रोत को छिपाते है। उन्होंने कहा कि लाडली बहन योजना के लिए पात्र न होने के बावजूद दबंगों ने एक आंगनवाड़ी सेविका की पिटाई कर दी।

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