सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में इस समय मुंबई मनपा का मानसून ऑफर शुरू है, जिसके तहत मौसमी बीमारियों की सेल लगी है। आपको पढ़ने में यह भले ही मजाक लगे, लेकिन शहर में जीका, डेंगू, मलेरिया और लेप्टो जैसी अन्य बीमारियों का बोलबाला शुरू है, जिन्हें रोकने में मनपा पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। इसके अलावा सर्दी-खांसी और बुखार ने भी लोगों की नाक में दम कर रखा है। यही नहीं जीका ने भी दस्तक देकर लोगों की टेंशन को और भी बढ़ा दिया है और मनपा है कि उसे कुछ फर्क नहीं पड़ रहा है। मुंबई मनपा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में मलेरिया के १,२६१, डेंगू के १,४५६, गैस्ट्रो के ४६६, चिकनगुनिया के १५६, लेप्टो के ७५, हेपेटाइटिस के १२९, स्वाइन फ्लू के ६२ और जीका के मरीज मिले हैं। दूसरी तरफ पिछले महीने में मलेरिया के १,१७१, डेंगू के १,०१३, गैस्ट्रो के ६९४, लेप्टो के २७२, हेपेटाइटिस के १६९, चिकनगुनिया के १६४ और स्वाइन फ्लू के १७० मरीज मिले हैं। जुलाई के आंकड़ों पर नजर डालें तो डेंगू के ५३५, मलेरिया के ७९७, गैस्ट्रो के १२३९, लेप्टो के १४१, स्वाइन फ्लू के १६१, चिकनगुनिया के २५ और हेपेटाइटिस के १४६ मामले दर्ज किए गए।
जीका का मिला पहला मरीज
मुंबई में जीका वायरस का पहला मामला सामने आया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, ८७ वर्षीय एक व्यक्ति में जीका संक्रमण का पता चला है। बीमारी के लक्षण वाले एक बुजुर्ग के रक्त का नमूना पुष्टि के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब में भेजा गया था। रिपोर्ट में बीमारी का पता चला है। मनपा स्वास्थ्य विभाग से इस बात की कोई जानकारी नहीं मिली है कि क्या बुजुर्ग अपनी बीमारी से ठीक हो गए हैं या वे प्रभावित क्षेत्रों से आए हैं। मनपा का स्वास्थ्य विभाग इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। इस साल राज्य में जीका वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या १३० तक पहुंच गई है।