– लाखों लीटर पानी किया जा रहा बर्बाद
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा ने वायु प्रदूषण से लड़ाई के लिए ‘जलवायु’ अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत सड़कों की धूल को खत्म करने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है, जिसे एक तरह से मुंबई में पानी की बर्बादी भी कहा जा सकता है। प्रतिदिन ६.८६ लाख लीटर पानी सड़क पर बहाया जा रहा है, लेकिन प्रदूषण के असली कारणों को देखे बिना यह सिर्फ पानी की बर्बादी साबित हो रही है। गड्ढे से भरी सड़कें, बंद पड़ी सड़कें और हर कोने में ट्रैफिक जाम के चलते वायु प्रदूषण और भी बढ़ रहा है, लेकिन मनपा के लिए इन समस्याओं का हल कुछ ज्यादा पानी से नहीं मिल सकता।
महानगरपालिका के पास १०० पानी के टैंकर हैं, जिनमें ५,००० और ९,००० लीटर वाले टैंकर शामिल हैं। ये हर दिन २४८ किमी लंबी सड़कों की सफाई में लगे रहते हैं। ९५ मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें ई-स्वीपर से लेकर मिस्ट वैâनन तक सभी कुछ शामिल हैं, लेकिन क्या यह उपाय सड़कों के गड्ढों को भरने और ट्रैफिक जाम को खत्म करने में सक्षम है? जवाब शायद ‘नहीं’ ही होगा।
पानी तो बह रहा है, लेकिन गड्ढों का क्या? क्या पानी से ट्रैफिक जाम रुक सकता है? मनपा ने प्रदूषण के खिलाफ कदम तो उठाया है, लेकिन सिर्फ पानी बहाने तक ही यह बात सीमित रह गई है। सड़कों पर पड़े गड्ढे और की धीमी यातायात गति के चलते प्रदूषण बढ़ रहा है, पर क्या मनपा इस पर ध्यान देगी? शायद नहीं।
जब तक सड़कों के सुधार और यातायात व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जाता, तब तक इस पानी की बर्बादी का क्या फायदा? मनपा का प्रदूषण रोकने का उपाय सिर्फ मजाक बनकर रह गया है, क्योंकि असली समाधान पर कभी कोई ध्यान नहीं दिया गया।