उमेश गुप्ता / वाराणसी
सावन के मास शिवरात्रि और जुमे के मद्देनजर प्रशासन द्वारा ज्ञानवापी में प्रवेश के लिए अलग अस्थाई गेट बनाने को लेकर शुक्रवार की दोपहर शहर मुफ्ती अब्दुल बातिन नोमानी गेट पर धरने पर बैठ गए। इसकी वजह से जुमे की नमाज काफी देर तक नहीं हो सकी। बातिन नोमानी का कहना था कि जब तक गेट का फ्रेम हटाया नहीं जाएगा, तब तक नमाज नहीं होगी।
वहीं वादी मुकदमा मुख्तार अहमद अंसारी ने बताया कि एसीपी सुरक्षा ने बिना अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद के परमिशन और सहमति के कोई गेट नहीं लगाया जाएगा। इस पर शहर मुफ्ती ने मस्जिद में जाकर यह आश्वासन देने की बात कही। उनके द्वारा बात मान लेने पर नमाज की सहमति बन गई है और डेढ़ घंटे विलंब से नमाज शुरू हो सकी। इस दौरान सड़क पर खड़े सारे नमाजी मस्जिद के अंदर पहुंचे और जो बाहर खड़े रहे पुलिस ने उनको अंदर भेजा।
बता दें कि यह मामला गुरुवार से शुरू हुआ था, जब ज्ञानवापी सुरक्षा समिति के आगरा पर मंदिर प्रशासन ने वहां एक गेट लगवाना शुरू किया था। इस दौरान सूचना पर गुरुवार को ही बड़ी संख्या में नमाजी वहां पहुंचे और विरोध प्रदर्शन करते हुए गेट पर ही अपना विरोध दर्ज करने लगे। इस दौरान प्रशासन और मंदिर प्रशासन के साथ ही पुलिस ने समझा-बुझाकर मामले को रफा-दफा करवाया और शाम तक स्थिति सामान्य हो गई थी। आज सावन की शिवरात्रि के साथ ही जुम्मे की नमाज होने की वजह से बड़ी संख्या में नमाजी यहां पहुंचे हुए थे। दोपहर में नमाजी अंदर जाने को तैयार नहीं हुए।
उनका कहना था कि जो नई चौखट बनाई गई है, उसे हटाया जाए। शहर मुफ्ती डॉ. अब्दुल बातिन नोमानी का कहना था कि कल हमने इसका विरोध दर्ज कराया था। गेट तो नहीं लगने दिया, लेकिन जितना काम हुआ है उसको भी हटाया जाए, क्योंकि कोई भी नया काम नहीं होगा।