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एमवीए सरकार ने शुरू की थी पैलिएटिव केयर क्लिनिक … अब तक ५ वर्षों में २ लाख से अधिक मरीजों ने लिया लाभ!

१ लाख से अधिक घरों में विजिट कर किया गया इलाज
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र में तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में चलाई गई पैलिएटिव केयर क्लिनिक योजना रंग ला रही है। राज्य में इस पैलिएटिव क्लिनिक का २,०१,५६६ मरीजों ने लाभ लिया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने प्रदेश के १,०१,८५१ घरों का विजिट कर दीर्घकालिक रोगों से पीड़ित मरीजों का इलाज किया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में बड़ी संख्या में दीर्घकालिक गंभीर बीमारियों से लोग जूझ रहे हैं। इन मरीजों का घर पर ध्यान रखना संभव नहीं हो पाता है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने वर्ष २०१२ में पैलिएटिव केयर क्लिनिक को प्रायोगिक तौर पर नासिक जिले के इगतपुरी और पालघर के जव्हार में शुरू किया था, जो ठंडे बस्ते में चला गया था। हालांकि, कोरोना महामारी के दौरान महाविकास आघाड़ी सरकार ने स्वास्थ्य प्रणालियों के विस्तार की जरूरत को समझते हुए योजना का विस्तार करते हुए इसे राज्य के १७ जिलों में इस क्लिनिक को शुरू किया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पुरानी या बड़ी बीमारियों से पीड़ित मरीजों, शारीरिक विकलांगता वाले मरीजों को असहाय दर्द के साथ ही शारीरिक समस्याओं, सामाजिक, भावनात्मक, आर्थिक और आध्यात्मिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस तरह के मरीजों के लिए पैलिएटिव केयर क्लिनिक उपयुक्त साबित नहीं हो रही है।
कोरोना काल में भी रखा गया ध्यान
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पैलिएटिव क्लिनिक के ओपीडी और आईपीडी में वर्ष २०१९-२० में ९,७७६, कोरोना महामारी में लगे लॉक डाउन के मुताबिक, वर्ष २०२०-२१ में ३,९४७, वर्ष २०२१-२२ में ३८,८२०, वर्ष २०२२-२३ में ४४,९३१ और वर्ष २०२३-२४ मार्च तक १,०४,०८७ मरीजों का इलाज किया गया है। इसके साथ ही इन पांच सालों में फॉलोअप के लिए १,५५,३०३ मरीज क्लिनिक में पहुंचे हैं। मनोसामाजिक हस्तक्षेप का उपयोग आमतौर पर सामाजिक विकारों, मादक द्रव्यों के सेवन की समाप्ति और पुनरावृत्ति की रोकथाम के मुद्दों के लिए किया जाता है। इसके तहत १,४३,३७७ मरीजों का इलाज कराया गया है।

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