सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की महायुति सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिलने से नाराज भुजबल पिछले कुछ दिनों से लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए थे। मंत्री पद की इच्छापूर्ति न होने से नाराज विधायकों में सबसे तीव्र नाराजगी भुजबल जाहिर कर रहे थे, लेकिन मंगलवार को सागर बंगले पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ हुई मुलाकात के बाद से भुजबल की ‘विरोधी’ सुनामी शांत हो गई है। अब भुजबल एकदम शांत नजर आ रहे हैं, जिसे लेकर इन दिनों तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि भुजबल को शांत करने के लिए सागर बंगले पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आखिर कौन सी सियासी सुनामी का डर दिखाया है। खुद को बाघ बताने वाले भुजबल फडणवीस की चेतावनी के बाद एकदम शांत हो गए हैं।
सूत्रों की मानें तो देवेंद्र फडणवीस ने भुजबल को तेलगी घोटाले की फाइल सहित तमाम घोटालों के मामलों की फाइलें सामने लाने की बात कही और भुजबल को साफ जता दिया कि इतना शोर मचाने की जरूरत नहीं है। या तो शांत हो जाओ या फिर जेल जाओ। सूत्रों की मानें तो भुजबल को दिल्ली में कोई पद देने का आश्वासन दिया है।
बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस के अजीत पवार गुट के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने के बाद खुलकर नाराजगी जाहिर की है। इसके साथ ही उन्होंने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर तीखा हमला किया है। कल छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सागर बंगले पर मुलाकात की। दोनों के बीच करीब ४० मिनट तक चर्चा हुई। इस मुलाकात में भुजबल ने राज्य की वर्तमान स्थिति और अपनी मांगों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि ८-१० दिनों के भीतर इस पर फैसला लिया जाएगा।
उधर छगन भुजबल की मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में सभी नेताओं के साथ चर्चा करना और उनकी समस्याओं का समाधान करना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने भुजबल द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करने का भरोसा दिया। छगन भुजबळ ने मंत्रिमंडल में जगह न मिलने को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी और गुट के भीतर उनकी अनदेखी की जा रही है। इस स्थिति में भुजबल के अगले कदमों पर राजनीतिक हलकों में कयास लगाए जा रहे थे।