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शिंदे के पर कतरने का मौका नहीं छोड़ रहे नाईक! … अब सातारा में जल क्रीड़ा परियोजना पर वन विभाग ने लगाई रोक

– पर्यावरण विभाग की अनुमति के बिना शुरू नहीं होगा काम
सामना संवाददाता / मुंबई
उपमुखमंत्री एकनाथ शिंदे का पर कतरने का कोई मौका वन मंत्री गणेश नाईक नहीं छोड़ना चाहते हैं। यही कारण है कि उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा सीएम के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान शुरू की गई सातारा में मुनावले जल क्रीड़ा परियोजना अब पर्यावरणीय मुद्दों का सामना कर रही है। कार्य आदेश जारी कर दिया गया है, लेकिन वन विभाग ने निर्देश दिया है कि आवश्यक पर्यावरणीय और वन विभाग की अनुमति प्राप्त किए बिना काम शुरू नहीं किया जा सकता है। नाईक ने शिंदे के गृह जिला सातारा की योजना पर रोक लगाकर एक और झटका दिया है, ऐसी चर्चा राजनीतिक गलियारे में है।
बता दें कि यह परियोजना सह्याद्रि टाइगर रिजर्व से सिर्फ एक किलोमीटर दूर और यह क्षेत्र पश्चिमी घाट के पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र में आता है। कोयना वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र के उप निदेशक किरण जगताप ने कहा, ‘मार्च के अंत में हुई बैठक में हमने मुनावले जल क्रीड़ा परियोजना के मुद्दे पर चर्चा की। हमने परियोजना को क्रियान्वित करने वाले महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम को सभी आवश्यक पर्यावरण और वन अनुमतियां प्राप्त करने और फिर काम शुरू करने का निर्देश दिया है। मुनावले परियोजना शिंदे के गृहनगर, सातारा जिले में डेयर से सिर्फ ३० किमी दूर है।
एमटीडीसी के प्रबंध निदेशक मनोज सूर्यवंशी ने पुष्टि की कि पर्यावरण और वन विभागों से अनुमतियां लंबित हैं, साथ ही स्थानीय ग्राम पंचायत से एनओसी भी लंबित है। उन्होंने बताया कि वन विभाग ने हमारे अधिकारियों को इस परियोजना के सिविल निर्माण भाग के लिए आवश्यक अनुमतियों के बारे में सूचित कर दिया है। हमने प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसके लिए एक सलाहकार भी नियुक्त किया है।

सूर्यवंशी ने कहा कि हम जांच करेंगे कि क्या वन विभाग से अनुमति वास्तव में अनिवार्य है और यदि है, तो हम आवेदन करेंगे। हम स्थानीय ग्राम पंचायत को भी इसकी स्वीकृति देने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। अनुमति प्रक्रिया में छह महीने और लगने की संभावना है।

 

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