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नाला सोपारा में चरसियों की भरमार: पुलिस प्रशासन और अन्न-औषध विभाग की कार्यवाई के बावजूद मादक पदार्थों का व्यापार जारी

सामना संवाददाता / नाला सोपारा
मीरा-भायंदर वसई विरार पुलिस आयुक्तालय और अन्न व औषध विभाग पालघर की संयुक्त कार्यवाई के बावजूद नाला सोपारा में मादक पदार्थों का व्यापार थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल के दिनों में गांजा, चरस, ब्राउन सुगर और मिफेड्रोन जैसे ड्रग्स की तस्करी और सेवन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे अपराधों में वृद्धि हो रही है और नाबालिक बच्चों का भविष्य भी खतरे में पड़ता जा रहा है।

वसई विरार क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन इस पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। पुलिस और अन्न व औषध विभाग के अधिकारियों द्वारा की जा रही छापेमारी और कार्यवाई के बावजूद, मादक पदार्थों का व्यापार शहर में खुलेआम जारी है। इसके परिणामस्वरूप अपराधों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है।

न्यायपालिका के आदेशानुसार, नाबालिगों को तंबाकू उत्पाद बेचना गैरकानूनी और दंडनीय अपराध है, लेकिन शहर के कई पान दुकानों पर नाबालिगों को तंबाकू उत्पाद बेचे जा रहे हैं। इसके अलावा, चरस और गांजे के सेवन के लिए ‘गो गो’ और ‘रम्बो’ जैसे कई संसाधन खुलेआम बेचे जा रहे हैं, जो न केवल कानून की अवहेलना है, बल्कि युवा पीढ़ी के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है।

स्थानीय निवासियों और समाजसेवियों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि वे इस गंभीर समस्या का समाधान शीघ्र करें और मादक पदार्थों के व्यापार को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाएं। साथ ही, नाबालिगों को तंबाकू उत्पाद और मादक पदार्थों से बचाने के लिए प्रभावी निगरानी और सजा की सख्ती से पालन किया जाए।

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