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बिड़ला महाविद्यालय में ‘हिंदी साहित्य में संस्कृति और राष्ट्रवाद’ पर राष्ट्रीय परिसंवाद संपन्न

सामना संवाददाता / कल्याण

बी. के. बिड़ला महाविद्यालय, कल्याण में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई और अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में ‘हिंदी साहित्य में संस्कृति और राष्ट्रवाद’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में मुंबई विश्वविद्यालय के पूर्व कुलगुरु डॉ. नरेश चंद्र, महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष प्रो. शीतला प्रसाद दुबे, हिंदी के श्रेष्ठ निबंधकार डॉ. श्रीराम परिहार, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री ऋषिकुमार मिश्र, प्राचार्य डॉ. अविनाश पाटील समेत अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। उद्घाटन सत्र का संचालन संयोजक डॉ. श्यामसुंदर पाण्डेय ने किया। इस आयोजन में मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, गोवा समेत विभिन्न राज्यों के प्राध्यापक और शोधार्थी शामिल हुए। उद्घाटन सत्र में डॉ. परिहार ने साहित्य की भूमिका पर विचार व्यक्त किए, जबकि डॉ. नरेश चंद्र ने ऐसे आयोजनों को युवा पीढ़ी के संस्कार निर्माण के लिए आवश्यक बताया।
आयोजन के दौरान छह सत्रों में ‘राष्ट्र और संस्कृति’ विषय पर गहन चर्चा हुई। समापन सत्र में मुंबई विश्वविद्यालय के कला संकाय के डीन डॉ. अनिल सिंह और गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव दुबे विशेष रूप से उपस्थित रहे। आयोजन के पहले दिन सांस्कृतिक संध्या के अंतर्गत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें 32 कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। इस आयोजन में डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय, डॉ. शशिकला राय, डॉ. मनोज पाण्डेय, डॉ. संतोष मोटवानी समेत कई विद्वानों के विचार छात्रों के लिए प्रेरणादायक रहे। कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ. ग्रीष्म खोब्रागड़े, डॉ. मेघा देवले, डॉ. सीताराम म्हस्के, डॉ. मनीषा पाटील और अन्य शिक्षकों व छात्रों का विशेष योगदान रहा।

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