सामना संवाददाता / मुंबई
भारतीय जनता पार्टी के विरोध में अजीत पवार गुट ने नवाब मलिक को उम्मीदवार बनाया है। नवाब मलिक शिवाजीनगर-मानखुर्द सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं और लगातार बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं। इससे बीजेपी को झटका लग सकता है। इसलिए नवाब मलिक को सबक सिखाने के लिए भाजपा के इशारे पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नवाब मलिक की जमानत रद्द करने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस तरह की खबरें मीडिया में आई हैं। गौरतलब हो कि नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह करीब डेढ़ साल तक जेल में रहे। लेकिन बीच के दौर में एनसीपी में फूट पड़ गई और विधायकों का एक गुट अजीत पवार के साथ सत्ता में शामिल हो गया। बाद में नवाब मलिक को चिकित्सा आधार पर जमानत दे दी गई। जमानत मिलने के बाद नवाब मलिक ने अजीत पवार गुट का समर्थन किया।
बीजेपी ने नवाब मलिक को शामिल करने का विरोध किया था। इतना ही नहीं, बीजेपी ने साफ स्टैंड ले लिया था कि उन्हें विधानसभा का टिकट नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन अजीत पवार ने बीजेपी के इस विरोध को दरकिनार करते हुए नवाब मलिक और उनकी बेटी को भी उम्मीदवार बना दिया। इसके बाद से ही नवाब मलिक लगातार बीजेपी के खिलाफ बोल रहे हैं। अब उन पर इसकी गाज गिरने की संभावना है। ईडी ने नवाब मलिक की जमानत रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। खराब स्वास्थ्य के कारण नवाब मलिक को अस्थायी जमानत दी गई थी। लेकिन ईडी ने यह कहते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है कि अंतरिम जमानत का उन्होंने दुरुपयोग किया है। इस पर हाई कोर्ट क्या पैâसला देता है इस पर सबकी नजर लगी हुई हैं।