सीबीएसई की राह पर राज्य बोर्ड
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र सरकार ने २०२५-२६ से राज्य के स्कूलों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का पाठ्यक्रम लागू करने का फैसला किया है। शुरुआत कक्षा १ से की जाएगी और धीरे-धीरे कक्षा १२ तक का पाठ्यक्रम २०२८ तक बदला जाएगा। कक्षा २ का नया पाठ्यक्रम १५ जून २०२८ से लागू होगा। इसके अलावा सरकार राज्य बोर्ड के स्कूलों का शैक्षणिक कैलेंडर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की तर्ज पर १ अप्रैल से शुरू करने पर विचार कर रही है।
इस बदलाव को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम नया होगा। कई छात्र मानते हैं कि यदि स्कूलों में उचित प्रशिक्षण नहीं मिला तो यह बदलाव मुश्किल साबित हो सकता है। अभिभावकों को भी चिंता है कि क्या यह बदलाव सरकारी स्कूलों की पढ़ाई को आसान बनाएगा या छात्रों के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर देगा।
शिक्षकों की तैयारी पर सवाल
सरकार ने यह साफ नहीं किया है कि शिक्षकों को नए पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा या नहीं। शिक्षकों के लिए एनसीईआरटी पैटर्न को समझना और उसे सही तरीके से लागू करना आसान नहीं होगा, खासकर उन स्कूलों में जहां संसाधन पहले से ही सीमित हैं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा इस बदलाव के लिए शिक्षकों को किस हद तक तैयार किया जाएगा, यह स्पष्ट नहीं है। यदि शिक्षकों को ठीक से ट्रेनिंग नहीं दी गई तो छात्रों की पढ़ाई पर इसका असर पड़ सकता है।