अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
मुंबई की सेंट्रल रेलवे पर सफर करने वाले यात्रियों को एस्केलेटर बंद होने की समस्या से रोजाना जूझना पड़ता है। मुंबई उपनगरीय सेंट्रल रेलवे नेटवर्क में कुल ८४ स्टेशन हैं, जिनमें १५० से ज्यादा एस्केलेटर लगे हुए हैं। इसके बावजूद हर दिन औसतन १००-१२० मामलों में एस्केलेटर बंद होने की शिकायत दर्ज होती है।
सेंट्रल रेलवे ने इस समस्या पर काबू पाने के लिए सिम आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया है। यह सिस्टम एस्केलेटर की स्थिति पर नजर रखता है। जैसे ही कोई एस्केलेटर बंद होता है, सिस्टम तुरंत एक मैसेज जनरेट करता है और निगरानी कार्यालय को इसकी जानकारी देता है। रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार, कभी-कभी यह समस्या ५ मिनट के भीतर हल हो जाती है, लेकिन औसतन इसे ठीक होने में २३ मिनट लगते हैं। उन्होंने बताया कि कई बार एस्केलेटर यात्रियों की अधिक भीड़ के कारण बंद हो जाते हैं। इसके अलावा कुछ स्टेशनों पर कुली जानबूझकर स्टॉप बटन दबा देते हैं, जिससे एस्केलेटर काम करना बंद कर देता है।
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाएं होनी चाहिए प्राथमिकता
यात्रियों का कहना है कि यह समस्या खासतौर पर पीक आवर्स में और भी गंभीर हो जाती है। एस्केलेटर बंद होने के कारण बुजुर्गों, दिव्यांगों और महिलाओं को सीढ़ियां चढ़ने में मुश्किलें होती है। रेलवे अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि समस्या को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं।
रेलवे का कहना है कि मॉनिटरिंग सिस्टम का दायरा बढ़ाया जा रहा है, ताकि एस्केलेटर की खराबी को तुरंत ठीक किया जा सके साथ ही यात्रियों से अपील की गई है कि एस्केलेटर का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करें और अनावश्यक रूप से स्टॉप बटन न दबाएं। सेंट्रल रेलवे की यह समस्या लाखों यात्रियों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। ऐसे में रेलवे प्रशासन की कोशिशों पर यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि स्थिति में कितना सुधार होता है।