विक्रम सिंह / सुल्तानपुर
बिजली विभाग की लापरवाही से सुल्तानपुर जिले में अलग अलग जगहों पर लाइनमैन सहित दो लोगों की जान चली गई।
पहली घटना बिरसिंहपुर की है। दोस्तपुर थानांतर्गत मुस्तफाबाद कला निवासी इंदर विश्वकर्मा (३५) दिहाड़ी पर बिजली विभाग में लाइनमैन के रूप में काम करता था। सोमवार को दोपहर में वो बिरसिंहपुर विद्युत उपकेंद्र से जुड़े अलहदादपुर गांव में सड़क के किनारे हालपुर फीडर की ग्यारह हजार वोल्टेज की लाइन के पोल पर चढ़कर फाल्ट दूर कर रहा था। इसी दौरान बिजली विभाग की लापरवाही से अचानक तारों में बिजली आपूर्ति शुरू हो गई, जिसकी चपेट में आ जाने से इंदर की मौत हो गई। घटना की सूचना ग्रामीणों की ओर से बिजली विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई। तहसीलदार जयसिंहपुर मयंक मिश्र, सीओ विनय कुमार, दोस्तपुर थानेदार पंडित त्रिपाठी आदि मौके पर पहुंचे। तीन घंटे से अधिक समय तक लाइनमैन का शव पोल पर लटका रहा लेकिन बिजली विभाग का कोई अधिकारी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। मृतक की पत्नी गुड़िया ने जेई और एसडीओ पर पति से दिहाड़ी लाइनमैन के रूप में कार्य कराने और अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही से पति के मौत होने का आरोप लगाते हुए दोस्तपुर पुलिस को तहरीर दे दी। तहसीलदार के बुलाने पर मौके पर पहुंचे एसडीओ विद्युत अमरजीत वर्मा ने मृतक की पत्नी को पचास हजार रुपए सहायता प्रदान करते हुए पांच लाख रुपए देने का वादा किया।
तहसीलदार मिश्र के समझाने पर परिजन माने और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। उधर चांदा थानांतर्गत मल्हीपुर गांव में बिजली के चपेट में आने से दयाशंकर पुत्र मक्खूराम निषाद (४५) की मौत हो गई। वे सुबह घर से लंभुआ मुकदमे के सिलसिले में जा रहे थे, तभी रास्ते में खेत के नजदीक बिजली खम्भे में लगे अर्थिंग वायर, जो नीचे जमीन में लटका हुआ था उसमें बिजली उतर रही थी, उसी के चपेट में आ गए। लगभग ग्यारह बजे के करीब गांव वालों ने उन्हें पड़ा देखा तो परिवारीजनों को सूचना दी, जिसके बाद दयाशंकर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर कमैचा ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।