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नेपाली घूम रहा पूरा महाराष्ट्र … हिंदू धर्म बचाने का पाल रखा है मुगालता … अनिल परब का नितेश राणे पर जोरदार हमला

– उद्धव ठाकरे भी ठहाके मारे बिना नहीं रह पाए

सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक एड. अनिल परब ने कल विधान परिषद में भाजपा विधायक व मंत्री नितेश राणे पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एक नेपाली है, उसे यह लग रहा है कि मैं ही हिंदू धर्म को बचा सकता हूं। इस दौरान सदन में एड.परब के बगल में बैठे पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे भी उनकी बातों को सुनकर ठहाके मारे बिना नहीं रह सके।
अनिल परब ने संविधान पर चर्चा के दौरान कहा कि हाल ही में क्या हुआ है कि कोई कहता है कि मांसाहार मत करो। उन्हें यह अधिकार किसने दिया? झटका खाएं या हलाल खाएं, यह अब आप तय करोगे? एक मंत्री कहता है कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। उन्होंने कहा कि राज्य में हिंदू-मुस्लिम विवाद खड़ा करने का माहौल बनाया जा रहा है।
एड.परब ने कहा कि हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने कहा था कि देश विरोधी कोई भी व्यक्ति, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम, हमारा दुश्मन है। दुर्भाग्य से उस समय जो बम विस्फोट हुए, उनमें मुस्लिम समाज के लोग शामिल थे इसलिए उन्होंने यह रुख अपनाया था, लेकिन आज क्या चल रहा है? मेरी सोसायटी में एक नेपाली वॉचमैन है। वह पूरी रात जागते रहने का दावा करता है। उसे लगता है कि उसी की वजह से हम सुरक्षित हैं। ऐसा ही एक नेपाली महाराष्ट्र में घूम रहा है। उसे लगता है कि उसी की वजह से हिंदू धर्म टिका हुआ है। वह शाल-वाल लेकर घूम रहा है। अरे भाई, हिंदू धर्म संभालने की ताकत हममें है। हम उसे बचाने में सक्षम हैं। हालांकि, परब ने सीधे नीतेश राणे का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके इशारे स्पष्ट थे। इस दौरान उद्धव ठाकरे भी मुस्कुरा रहे थे।
जातियों में तनाव पैदा करने का किया जा रहा काम
परब ने कहा कि मेरे धर्म या जिसने मुझे सिखाया कि खुद के धर्म की रक्षा करते समय दूसरे के धर्म पर जानबूझकर अत्याचार मत करो। उन्होंने जातियों में तनाव बढ़ाना नहीं सिखाया। लेकिन पिछले कुछ दिनों की घटनाएं देखें तो लगता है कि जानबूझकर जातिगत तनाव बढ़ाया जा रहा है। परब ने कहा कि आज सदन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। मैं हर मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करता। संविधान पर चर्चा के लिए दो दिन पर्याप्त नहीं होंगे, लेकिन न तो मुझे, एक विपक्षी दल के रूप में, और न ही सत्तारूढ़ दल को संविधान द्वारा मुझे दिए गए अधिकारों का उल्लंघन करने का अधिकार है।

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