अमर झा / मीरा रोड
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले के खिलाफ बैंक के खाताधारक ने कमर कस ली है। अब खाताधारक अपनी लड़ाई को अदालत में ले जाने को तैयार है। बैंक खाताधारकों की एक बैठक मीरा रोड में आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में प्रभवित खताधारकों ने भाग लिया।
बैठक का आयोजन वॉइस ऑफ विक्टिम न्यू इंडिया बैंक, एंड सिटी हेडलाइन के बैनर तले की गई। बैठक को संबोधित करते हुए प्रमुख वक्ता विश्वास उतगी (पूर्व सेकेट्री, आल इंडिया बैंक एम्प्लॉय एशोसिएशन) ने आरोप लगाया कि इस घोटाले की सबसे बड़ी गुनहगार रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) है। उन्होंने आरबीआई के क्लॉज का हवाला देते हुए कहा कि बैंक में जमा खाताधारकों का पूरा-पूरा पैसा मिलना ही चाहिए। इसमें आम खाताधारकों के साथ-साथ 500 से अधिक होसिंग सोसाइटी के पैसे हैं।
उन्होंने कहा कि डिपोजिटर इंश्योरेंस एंड गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीआई) की ओर से खातेदारों को पांच लाख तक का भुगतान 90 दिन के अंदर कर देने का दावा बैंक कर रहा है, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अभी तक नोटिफिकेशन नहीं निकाला है। इसलिए बैंक के दावे पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा है। अगर ऐसा होता है तो 90% खातेदारों का पैसा मिल जाएगा, लेकिन जो 10% खाते बचते हैं, उनमें हाउसिंग सोसाइटियों, ट्रेड यूनियन और बड़े व्यवसायियों का करोड़, दो करोड़ से अधिक रकम है। यह रकम कुल जमा का 90 % के आस-पास होगी। उनका क्या? रिजर्व बैंक के क्लॉज के अनुसार, उन्हें पूरा का पूरा पैसा मिलना चाहिए।
उतगी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि बैंक 12,000 करोड़ का लोन दे रखा है। उसके 3 साल की बैलेंस शीट का आकलन करें तो बैंक 30 करोड़ के घाटे में है। लोन देने में नियमों का उल्लंघन हुआ है। 40% से ज्यादा का कर्ज एक ही क्षेत्र सिर्फ रियल एस्टेट को दिया, फिर भी मुनाफा में होने के लिए रिजर्व बैंक फर्जी प्रॉफिट दिखाती रही। इसमें आरबीआई के पैसे का इस्तेमाल हुआ।
यह बहुत बड़ा अपराध है। उन्होंने कहा कि बैंक में प्रतिदिन जमा, निकासी और शेष रकम की टैली करने के बाद ही बैंककर्मी अपने घर जाते हैं, फिर भी बैंक के कैश लॉकर से 122 करोड़ रुपए निकल गया और किसी को पता नहीं चला। आरबीआई सिर्फ इसकी ही जानकारी मीडिया को दे रही है, जबकि बैंक के 30 करोड़ रुपए घाटे में होने की जानकारी छुपा रही है।
उतगी ने खाताधारकों से आवाहन करते हुए कहा कि अगर हमें न्याय चाहिए तो 5,000 की संख्या में आजाद मैदान में मोर्चा निकालने की तैयारी करें।
मामले को लेकर दो सप्ताह में वे हाई कोर्ट में रीट-याचिका दाखिल करेंगे। बैठक को एडवोकेट दीपिका साहनी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में आफताब खान, योगेश बोसमिया सहित बड़ी संख्या में खाताधारक मौजूद थे।