सामना संवाददाता / नासिक
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में १६ अप्रैल को होने वाला ‘निर्धार शिविर’ आगामी राजनीतिक दिशा के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। इस शिविर से हमें एक स्पष्ट विचार और भूमिका प्राप्त होगी, ऐसा मत शिवसेना नेता एवं सांसद संजय राऊत ने व्यक्त किया।
रविवार को नासिक जिला शिवसेना कार्यालय में पदाधिकारियों की बैठक में मार्गदर्शन करते हुए सांसद राऊत ने कहा कि राजनीतिक दलों में बदलाव आते रहते हैं। कभी करीबी लोग भी साथ छोड़ जाते हैं। यह पीड़ा हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे को भी सहनी पड़ी थी, लेकिन आज भी निष्ठावान शिवसैनिक अपने स्थान पर डटे हुए हैं, संघर्ष झेल रहे हैं और पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं। इन्हीं शिवसैनिकों की वजह से शिवसेना अब तक टिकी हुई है। उन्होंने कहा कि हमने लोकसभा चुनाव जीता, लेकिन विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी दलों की चोरी और धांधली के कारण हमें और महाविकास आघाड़ी को हार का सामना करना पड़ा। शिवसेना को अब तक की यात्रा में जीत से ज्यादा हार ही मिली है, लेकिन हर हार को चुनौती मानकर पार्टी फिर खड़ी हुई है। यह सिर्फ शिवसैनिकों के मजबूत समर्थन की वजह से संभव हुआ है। संजय राऊत ने आगे कहा कि नासिक में होने वाला यह शिविर आदर्श साबित हो, इसके लिए शिवसैनिकों को जुटकर मेहनत करनी चाहिए। इस बैठक में सांसद राजाभाऊ वाजे, उपनेता सुधाकर बडगुजर, जिलाप्रमुख डी. जी. सूर्यवंशी, महानगरप्रमुख विलास शिंदे ने भी अपने विचार रखे। इसके अलावा उपनेता सुनील बागुल, अद्वय हिरे, संपर्क प्रमुख जयंत दिंडे, अशोक धात्रक, सह-संपर्क प्रमुख दत्ता गायकवाड, राज्य संघटक विनायक पांडे, पूर्व विधायक वसंत गीते, अनिल कदम, जिलाप्रमुख गणेश धात्रक, नितीन आहेर, कुणाल दराडे, केशव पोरजे, मामा राजवाडे, निवृत्ती जाधव, बालासाहेब पाठक, गुलाब भोये, महेश बडवे, भगवान भोगे, संजय चव्हाण, भारती ताजनपुरे, कीर्ती निरगुडे, सीमा बडदे, बाळासाहेब कोकणे, राहुल दराडे, राहुल ताजनपुरे, वैभव ठाकरे, मसूद जिलानी, अजिम सय्यद, दिलीप मोरे, खंडू बोडके, मोहन गांगुर्डे, कुलदीप चौधरी, लालचंद सोनवणे, अस्लम मणियार, योगेश गाडेकर, सुनील जाधव, परशुराम कानकेकर, वीरेंद्र टिले, गोरख वाघ आदि उपस्थित थे।