मुख्यपृष्ठनए समाचारनीतीश कमजोर और असहाय मुख्यमंत्री ...तेजस्वी यादव का करारा प्रहार

नीतीश कमजोर और असहाय मुख्यमंत्री …तेजस्वी यादव का करारा प्रहार

– रोजगार का मुद्दा युवाओं के बीच अब भी लोकप्रिय
आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी नीतीश की रणनीति पर निशाना साधते हुए कहा कि नौकरी सृजन का विचार तेजस्वी का है और नीतीश कुमार पहले कहते थे कि सरकारी रिक्तियों को भरने के लिए फंड नहीं है। तिवारी ने दावा किया कि अब नीतीश पर दबाव है। अगर २०२५ में आरजेडी सत्ता में आई तो वे नौकरियां देने के साथ-साथ बिजली बिल माफी भी करेंगे।
सामना संवाददाता / पटना
लोकसभा चुनावों में आरजेडी को उम्मीद के अनुसार सफलता नहीं मिली, लेकिन तेजस्वी का रोजगार का मुद्दा युवाओं के बीच अब भी लोकप्रिय है। सरकार ने २.८ लाख नई नौकरियों की घोषणा की है, जिसमें १.३९ लाख रिक्तियां शिक्षा विभाग में हैं। पिछले तीन वर्षों में शिक्षा विभाग ने २.५ लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया है, जो कि राज्य में सबसे अधिक है।
हाल ही में एक वीडियो में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को डीजीपी आलोक राज से पुलिस विभाग के रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने का आग्रह करते हुए देखा गया। इस पर तेजस्वी यादव ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह एक ‘कमजोर और असहाय मुख्यमंत्री’ की निशानी है, जो जनता के काम करवाने के लिए अधिकारियों के सामने हाथ जोड़ता है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है और नीतीश सरकार की कमजोरियों को उजागर करता है। २०२० के विधानसभा चुनावों में तेजस्वी ने अपने अभियान में १० लाख नौकरियों का वादा किया था, जिससे युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ी। उन्होंने लोकसभा चुनावों में भी इसी मुद्दे को उठाया और १७ महीनों के दौरान तीन लाख पदों पर भर्ती कराने का दावा किया। तेजस्वी का कहना है कि नीतीश सरकार को रोजगार पर ध्यान देने की प्रेरणा उन्हीं से मिली है और उनकी पहल से सरकार पर नौकरियां देने का दबाव पड़ा।

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