सामना संवाददाता / मुंबई
कई महिलाओं को लाडली बहन योजना से बाहर रखा गया है और सरकार ने कई योजनाओं की लागत में कटौती की है। ऐसे समय में सरकार ने विज्ञापनों के लिए १०० करोड़ रुपए के होर्डिंग्स को मंजूरी दी है। अजीत पवार एक अनुशासित वित्त मंत्री हैं, ऐसा तंज एनसीपी (शरदचंद्र पवार) विधायक रोहित पवार ने कसा। इसके साथ ही रोहित पवार ने अजीत पवार से इस पर गौर करने और बदलाव करने की मांग की है।
रोहित पवार ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा है कि वित्त मंत्री हमारे राज्य में यह क्या चल रहा है? यह सवाल पूछे जा रहे हैं। एक ओर धन की कमी की बात कहकर किसानों को दी जाने वाली मदद में कटौती, लाडली बहन योजना में कटौती, युवा प्रशिक्षण योजना में युवाओं को वेतन नहीं देना, दूसरी ओर विज्ञापन के लिए १०० करोड़ के होर्डिंग्स को मंजूरी दी जा रही है। साथ ही इस पैâसले के मुताबिक सरकारी जगहों पर डिजिटल होर्डिंग्स लगाने के लिए सरकार को १०० करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। इन होर्डिंग्स के संचालन और रखरखाव के लिए एक निजी कंपनी को नियुक्त करना होगा, जिसके बदले में सरकार १५ दिनों के लिए सरकारी विज्ञापन दे सकती है और ८५ दिनों के विज्ञापन निजी होंगे।
जिम्मेदारी अंतत: वित्त मंत्री की
सरकार के इस फैसले का मतलब है कि सरकार अपनी जमीन पर अपने खर्चे से घर बनाए, घर के एक कोने में सरकार रहे, घर की साफ-सफाई और रख-रखाव कोई निजी कंपनी करे और बाकी घर को किसी निजी कंपनी को किराए पर दे। हालांकि, यह निर्णय वित्त मंत्रालय का नहीं है, लेकिन जिम्मेदारी अंतत: वित्त मंत्री की है।