मुख्यपृष्ठनए समाचारमोदी मंत्रिमंडल से नहीं कोई खुश... गद्दारों के होश गुम!

मोदी मंत्रिमंडल से नहीं कोई खुश… गद्दारों के होश गुम!

-दिल्ली के भूकंप से हिल सकती है महाराष्ट्र सरकार

-कैबिनेट नहीं मिलने से शिंदे गुट नाराज

– अजीत गुट तो पहले से ही है नाखुश

-एक-एक सांसद वाले कई दलों को मिला कैबिनेट

-शिंदे गुट को मिला सिर्फ एक स्वतंत्र प्रभार

सामना संवाददाता / मुंबई

मोदी सरकार ने जिस तरह एनडीए के घटक दलों में मंत्रियों का बंटवारा किया है, उससे गद्दारों के होश गुम हो गए हैं। महाराष्ट्र के दोनों घाती गुटों को लॉलीपॉप थमा दिया गया है। इससे अजीत पवार गुट के साथ ही शिंदे गुट भी नाराज हो गया है। दोनों को ही कैबिनेट में जगह नहीं मिली, जिससे उनके भीतर असंतोष है। शिंदे गुट ने तो कल खुलकर अपनी नाराजगी प्रकट कर दी। ऐसे में महाराष्ट्र की राजनीति पर करीबी नजर रखनेवाले विश्लेषकों का मानना है कि दिल्ली के इस भूकंप से महाराष्ट्र की सरकार हिल सकती है।
मोदी मंत्रिमंडल में उपेक्षा से नाराज हैं ‘घाती’ गुट!

मोदी सरकार के नए मंत्रिमंडल से महाराष्ट्र में उसके सहयोगी दल खुश नहीं हैं। शिंदे गुट और अजीत पवार नए मंत्रिमंडल में अपनी उपेक्षा से नाराज हैं। दोनों ही घाती गुट को मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिली। उन्हें राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ऑफर किया गया था। शिंदे गुट ने तो खैर किसी तरह मान गया पर अजीत पवार गुट ने खुलकर नाराजगी दिखाते हुए मंत्री पद ठुकरा दिया था। असल में अजीत गुट दो मंत्री पद चाहता था, ताकि प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे दोनों केंद्र में मंत्री बन सकें।
गौरतलब है कि अजीत पवार गुट के बाद अब शिंदे गुट ने भी मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से खुलकर अपनी नाराजगी का इजहार कर दिया है। शिंदे गुट के सांसद श्रीरंग बारणे का कहना है कि उनकी पार्टी ने सात सीटें जीती हैं, बावजूद इसके उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं दी गई। जबकि एनडीए के अन्य घटक दलों को कम सीट मिलने पर भी कैबिनेट में जगह मिली है। इस तरह मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से अजीत पवार गुट की नाराजगी के बाद अब शिंदे गुट ने भी खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। श्रीरंग बारणे का कहना है कि एक तरफ जहां चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और एचडी कुमारस्वामी की पार्टी को कम सीट मिलने के बाद भी कैबिनेट मंत्रालय दिया गया है, वहां उनके सात सांसद होने के बावजूद सिर्फ स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री का ही पद दिया गया। चिराग पासवान के पांच सांसद हैं, मांझी के एक सांसद हैं, जेडीएस के दो सांसद हैं, फिर भी उन्हें एक वैâबिनेट मंत्रालय मिला है। श्रीरंग बारणे ने कहा कि एनडीए के अन्य घटक दलों के एक-एक सांसद चुने गए, लेकिन उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है, तो फिर बीजेपी ने शिंदे गुट के प्रति इतना अलग रुख क्यों अपनाया? परिवार के खिलाफ आकर महागठबंधन में शामिल हुए अजीत पवार को मंत्री पद दिया जाना चाहिए था। बता दें कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा ने शिंदे गुट और अजीत गुट की एनसीपी के साथ चुनाव लड़ा था। भाजपा ने २३ सीटों पर चुनाव लड़ा और ९ सीटें जीतीं, अजीत गुट की पार्टी एनसीपी ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा और एक सीट जीती और शिंदे गुट ने १९ सीटों पर चुनाव लड़ा और सात सीटें जीती।

अन्य समाचार