मुख्यपृष्ठस्तंभउत्तर की उलटन-पलटन : चुनाव से आजाद हुए गुलाम

उत्तर की उलटन-पलटन : चुनाव से आजाद हुए गुलाम

श्रीकिशोर शाही
कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी आजाद ने लोकसभा चुनाव में महबूबा मुफ्ती को कड़ी टक्कर देने की घोषणा की थी। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती अनंतनाग से चुनाव लड़ रही हैं। गुलाम नबी ने भी अनंतनाग से ताल ठोकने का एलान किया था, मगर अब ऐन वक्त पर गुलाम नबी इस लोकसभा चुनाव से आजाद हो गए हैं। उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है। अब गुलाम नबी ने अपना मन क्यों बदला इस पर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। अनंतनाग से नेशनल कॉन्प्रâेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ भी मैदान में हैं। भाजपा ने यहां से अभी तक अपने उम्मीदवार का एलान नहीं किया है। राज्यसभा से रिटायर होने के पहले ही गुलाम नबी और भाजपा के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी थीं। गुलाम नबी की इसी हरकत के कारण ही कांग्रेस ने उन्हें रिपीट नहीं किया था। वैसे दिलचस्प बात यह है कि गुलाम नबी भले ही अनंतनाग से चुनाव न लड़ें, पर वे चुनाव प्रचार जरूर करने वाले हैं। अब समझ में यह नहीं आ रहा है कि जब वह चुनाव ही नहीं लड़ेंगे तो प्रचार किसका करेंगे? खैर, इसे ही तो राजनीति कहते हैं। अब लोग तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं। कोई कह रहा है कि महबूबा के साथ उनकी सेटिंग हो गई है तो कोई कह रहा है कि भाजपा का वोट न कटे इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं… आदि तमाम तरह की बातें हो रही हैं। अब देखना है कि आने वाले दिनों में गुलाम नबी किसकी उंगली थामते हैं।

बेटी के लिए लालू का कैंप
बिहार में राजद के टिकट बंटवारे में इस बार लालू प्रसाद यादव की खूब चली है। लालू की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए उन्होंने चुनाव प्रचार से दूरी बना रखी है, पर जब बात बिटिया की हो तो भला घर में कैसे बैठा जा सकता है? लालू का कहना है कि वे सिर्फ अपनी बेटी रोहिणी आचार्य का ही प्रचार करेंगे। फिलहाल, वे सारण पहुंच चुके हैं और वहां उन्होंने अपना कैंप भी लगा दिया है। सारण में २० मई को वोटिंग है, तब तक लालू सारण में ही टिके रहेंगे। खास बात यह है कि इस सीट से लालू लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं इसलिए क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है। वैसे भी यह लालू परिवार का गृह क्षेत्र है तो एक इमोशन लोगों में है। बहरहाल, यहां से रोहिणी का मुकाबला राजीव प्रताप रूडी से है, जो पिछले दो बार से जीतकर संसद में पहुंचते आए हैं। जानकारों का मानना है कि मुकाबला टफ है, लेकिन लालू के आ जाने से रोहिणी को फायदा मिलेगा। वैसे भी किडनी दान के बाद बाप-बेटी के बीच बॉन्डिंग काफी मजबूत हो गई है और लोगों के बीच अच्छा संदेश गया है।

१४ सीटों पर २० जनप्रतिनिधि
झारखंड में लोकसभा की १४ सीटें हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन १४ सीटों पर २० निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने अपना दांव लगा रखा है। दरअसल, राज्य की १४ सीटों पर ९ लोकसभा सांसद और एक राज्यसभा सांसद चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा चुनाव लड़ने वालों में झारखंड के १० विधायक भी शामिल हैं तो हो गए न २० निर्वाचित जनप्रतिनिधि। मौजूदा लोकसभा सांसदों में निशिकांत दुबे गोड्डा से लगातार चौथी बार संसद पहुंचने की कोशिश में हैं। इसके अलावा पलामू से बीडी राम, जमशेदपुर से विद्युत वरण महतो, राजमहल से विजय हांसदा, कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी, खूंटी से अर्जुन मुंडा, गिरिडीह से चंद्रप्रकाश चौधरी और सिंहभूम से गीता कोड़ा लगातार दूसरी बार संसद पहुंचने की तैयारी में हैं। राज्यसभा सांसद समीर उरांव इस बार लोहरदगा से चुनाव लड़ रहे हैं। वैसे चुनाव जीतने वाले पांच सांसदों को टिकट नहीं मिला, वरना जनप्रतिनिधियों की संख्या २५ हो जाती। एक बात और है कि राज्य में बड़ी पार्टियों ने इस बार सबसे ज्यादा संख्या में महिला उम्मीदवार उतारे हैं। गीता कोड़ा, अन्नपूर्णा देवी और सीता सोरेन भाजपा से चुनाव लड़ रही हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन ने दीपिका पांडे सिंह, ममता भुइयां, अनुपमा सिंह और जोबा मांझी को टिकट दिया है।

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