श्रीकिशोर शाही
चुनाव के समय नेताओं का एक दल से दूसरे दल में आना-जाना लगा रहता है। यह अलग बात है कि नेता इसे अपनी घर वापसी भी बता देते हैं। अब कोई अगर अपनी पुरानी पार्टी में वापस आता है तो यह घर वापसी ही कही जाएगी। खगड़िया के मौजूदा सांसद महबूब अली वैâसर ने भी घर वापसी कर ली है। उन्होंने लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ज्वॉइन कर ली है। वर्तमान में अली खगड़िया से लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद हैं। चिराग पासवान ने उनका टिकट काट दिया था। अब महबूब अली का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि उनका टिकट क्यों काटा गया? वैसे महबूब अली का आरजेडी से गहरा नाता रहा है। पूर्व में वे राबड़ी देवी के मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं। महबूब अली के पार्टी में वापस आने पर तेजस्वी यादव काफी उत्साहित हैं और उनका कहना है कि वे पहले चरण की चारों सीट जीत रहे हैं। इसके साथ ही तेजस्वी का कहना है कि बाकी के छह चरण में बिहार चौंकाने वाला रिजल्ट देगा। अब जहां तक महबूब अली का सवाल है तो वह बार-बार लालू प्रसाद को बहुत बड़ा दिलवाला नेता बताने से नहीं चूक रहे हैं। ऐसे में साफ है कि इस बार महबूब अली राजद की ओर से लोकसभा में एंट्री मारेंगे।
सुबोधकांत की बिटिया मारेगी मैदान
झारखंड के कद्दावर नेता सुबोधकांत सहाय याद हैं न आपको? सुबोधकांत, मनमोहन सिंह की वैâबिनेट में पर्यटन मंत्री थे। इसके पहले वे बीपी सिंह के मंत्रिमंडल में गृह राज्य मंत्री रह चुके थे। सुबोधकांत सहाय की पत्नी रेखा सहाय बॉलीवुड में अभिनेत्री हैं। अब कांग्रेस ने सहाय परिवार में अचानक से खुटुर-पुटुर करके चौंका दिया है। उसने सुबोधकांत सहाय की बिटिया यशस्विनी सहाय को रांची से लोकसभा का टिकट दे दिया है। हो सकता है क्षेत्रीय स्तर पर यशस्विनी को लोग जानते हों, पर राष्ट्रीय स्तर पर तो उनकी पहचान से लोग अनभिज्ञ ही हैं। वैसे अचानक रांची जैसे प्रमुख शहर से टिकट का मिलना बताता है कि बिटिया में वाकई दम है। यशस्विनी सहाय का मुकाबला भाजपा के संजय सेठ से होगा, वहीं कांग्रेस ने गोड्डा से अपना उम्मीदवार बदल दिया है। अब वहां प्रदीप यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। इसके पहले दीपिका पांडेय सिंह को टिकट दिया गया था। उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के लिए पार्टी नेताओं ने प्रदर्शन किया था। कांग्रेस द्वारा टिकटों के बंटवारे में काफी सोच-विचार कर निर्णय लिया जा रहा है और उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट दिया जा रहा है, जो जीतने की क्षमता रखते हैं और ऐसे में सुबोधकांत की बिटिया के आने से रांची सीट का मुकाबला वाकई दिलचस्प हो गया है।
जोश में हैं दुर्गा मौसी
इस चुनाव में एक से बढ़कर एक धुरंधर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनके बीच दुर्गा मौसी ने भी अपनी किस्मत के दरवाजे लोकसभा के लिए खोल दिए हैं। दुर्गा मौसी एक किन्नर हैं और स्कूटी पर चुनाव प्रचार कर रही हैं। दुर्गा मौसी ने दमोह सीट से लोकसभा का पर्चा भरा है। दुर्गा मौसी की खासियत यह है कि जहां दूसरे उम्मीदवार अपने लाव लश्कर के साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं, वहीं दुर्गा मौसी एकला चलो रे में यकीन रखती नजर आ रही हैं। दमोह लोकसभा क्षेत्र काफी बड़ा है और अपनी स्कूटी पर सवार होकर दुर्गा मौसी रोजाना १०० किलोमीटर का सफर तय कर लेती हैं। रात को जहां आश्रय मिला, वहीं रुक जाती हैं और अगली सुबह फिर उनके चुनाव प्रचार का सफर शुरू हो जाता है। कटनी निवासी दुर्गा मौसी की उम्र ३६ साल है। उन्होंने इंडिया पीपल्स अधिकारी पार्टी की ओर से अपना नामांकन भरा है। उनके द्वारा भरे गए शपथ पत्र के अनुसार, उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और उनके पास रु. २,००,००० नकद हैं। बैंक में रु. ४९,५०० जमा हैं। कुल मिलाकर उनके पास ४.३१ लाख रुपए की संपत्ति है।