श्रीकिशोर शाही
चुनाव प्रचार ने अब गर्मी पकड़ ली है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो चुका है। ऐसे में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय जनता दल पर हमला बोला। जाहिर सी बात है तेजस्वी भला कैसे चुप रहते। जवाब के जरिए नहले पर दहला मारने में तेजस्वी का कोई जोड़ नहीं है। सो जब बिहार के खस्ता माली हालत पर योगी ने टिप्पणी की तो तेजस्वी ने सीधा योगी पर ही हमला बोलते हुए कहा कि यूपी के लोगों को तो हमने नौकरी दी है। आपके प्रदेश के लोग यहां आकर नौकरी कर रहे हैं तो आप क्या कर रहे हैं? किस बात के मुख्यमंत्री हैं आप? यूपी में तो सिर्फ पेपर लीक हो रहा है। पेपर लीक के मामले में यूपी पूरे देश में मशहूर हो चुका है। असल में जदयू के साथ राजद ने १७ महीने तक सरकार चलाई। अब योगी ने इसी १७ महीने के कार्यकाल पर तल्ख टिप्पणी कर दी थी। जाहिर सी बात है तेजस्वी की तरफ से उन्हें कड़क जवाब मिल गया।
नहीं किया था एम्स का वादा
बादल परिवार की परंपरागत सीट बठिंडा इस समय हॉट सीट बनी हुई है। हालांकि, अभी तक यहां से किसी के नाम की घोषणा नहीं की गई है पर माना जा रहा है कि यहां से अकाली दल की उम्मीदवार हरसिमरत कौर बादल ही चुनाव लड़ने वाली हैं। वैसे तो सब कुछ ठीक है पर अब भाजपा ने उनके ऊपर आरोप लगाना शुरू कर दिया है कि इतने दिन तक सांसद रहने के बावजूद हरसिमरत ने अपना वादा पूरा नहीं किया। हरसिमरत ने बठिंडा में एम्स बनवाने का वादा किया था। अब यह सुनकर हरसिमरत भला चुप वैâसे बैठती। सो उन्होंने लगे हाथ जवाब दिया और कहा कि हमने कभी यहां एम्स लाने का वादा नहीं किया था। हमने जितने वादे किए थे उसे पूरा किया। मजे की बात है कि अकाली दल के पुराने नेता सिकंदर सिंह मलूका की बहू भाजपा में शामिल हो गई हैं और यहां से हरसिमरत को चुनौती देने जा रही हैं। ऐसे में मुकाबला तो दिलचस्प होगा ही। आपको याद होगा कि अकाली दल एनडीए का एक हिस्सा था। यह वो वक्त था जब हरसिमरत लोकसभा में मोदी सरकार के लिए जोरदार बैटिंग करती थीं। मगर मोदी सरकार जब किसानों के लिए कानून ले आई तो हरसिमरत ने इसका विरोध करते हुए एनडीए का साथ छोड़ दिया था। खैर, अब देखते हैं कि इस बार चुनाव प्रचार में यह एम्स का मुद्दा किस पार्टी को बीमार करता है।
जेल में मंत्री जी हाजिर हों
आजकल नेता, मंत्री और जेल का नाम सुनते ही लगता है कि जरूर ईडी-सीबीआई में से किसी एक ने गेम कर दिया है। अब तिहाड़ जेल में हर सप्ताह `आप’ के दो मंत्रियों की हाजिरी लगनी है। आप सोच रहे होंगे की इन मंत्रियों को भी शराब घोटाले में शायद कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा होगा इसलिए वह जेल में हाजिरी लगाएंगे। तो जनाब आप गलत हैं। असल में शराब घोटाले में तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बंद हैं। उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है और जेल से ही सरकार चला रहे हैं। ऐसे में केजरीवाल ने आदेश दिया है कि हर सप्ताह दिल्ली के दो मंत्री उनसे मिलने तिहाड़ जेल आएं। वहां केजरीवाल उनके कार्यों की समीक्षा करेंगे और उन्हें आदेश जारी करेंगे। अब कर लो जिसे जो करना है। यह केजरीवाल की स्टाइल है और सरकार तो जेल से चलेगी ही। जब संविधान कुछ मना नहीं करता तो ये मनोज तिवारी कौन होते हैं शोरगुल मचानेवाले?