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सस्ता कुछ नहीं, पीएनजी, सीएनजी व इलेक्ट्रिक कारें सब महंगी …बहुत हुई महंगाई की मार…वादों से पलट गई बीजेपी सरकार …बजट में आम जनता को थी राहत की उम्मीद

सामना संवाददाता / मुंबई
चुनाव के दौरान भाजपा ने एक नारा बहुत तेजी से बुलंद किया था। बहुत हो गई महंगाई की मार.. अबकी बार मोदी सरकार.. लेकिन यह भाजपा सरकार सत्ता में आते ही पलट गई। महाराष्ट्र में इस सरकार ने महंगाई को कम करने के लिए कुछ नहीं किया है बल्कि महंगाई को और हवा दी है। वर्ष २०२५-२६ के बजट में महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने किसी भी चीज में कर कम नहीं किया है बल्कि इलेक्ट्रिक मोटर, सीएनजी और सीएनजी मोटर और कंस्ट्रक्शन में काम करने वाले वाहनों के कर में बढ़ोतरी की है, जिससे आने वाले दिनों में एक तरफ जहां इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत बढ़ जाएगी तो वहीं दूसरी तरफ कंस्ट्रक्शन के खर्चे में भारी बढ़त देखने को मिलेगी।
सरकार ने किसी भी चीज में कर घटाया नहीं है। अपेक्षा की जा रही थी कि सरकार बजट में आम जनता को राहत देने के लिए कई प्रकार के कर में कटौती कर सकती है, पर अपेक्षा के विपरीत जाते हुए सरकार ने राज्य के वित्तमंत्री अजीत पवार ने वाहनों के मामले में कर बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि निजी चार पहिया सीएनजी और एलपीजी वाहनों के कर में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी, जो पहले ७ से ८ प्रतिशत कर लिए जा रहे थे अब वहा ८ से ९ प्रतिशत कर वसूले जाएंगे। सरकार ने अंदाजा दर्शाया है कि इससे १५० करोड़ रुपए अधिक राजस्व जमा होगा। तो वहीं ३० लाख से अधिक कीमत के इलेक्ट्रिक मोटर वाहनों पर ६ प्रतिशत की दर से कर वसूला जाएगा, मोटर वाहन के लिए टैक्स की मर्यादा २० लाख से बढ़कर ३० लाख कर दी गई है। इससे १७० करोड रुपए अधिक राजस्व मिलने की संभावना है। निर्माण कार्य क्षेत्र में इस्तेमाल किए जाने वाले क्रेन, कंप्रेसर, प्रोजेक्टर्स, एस्केलेटर तमाम मोटर वाहनों पर ७ प्रतिशत दर से कर वसूला जाएगा। साथ ही ७.५ टन माल ढोने वाले वाहन पर भी ७ प्रतिशत कि दर से कर वसूला जाएगा।
१०० की बजाय ५०० रुपए के
स्टांप पेपर का इस्तेमाल
लेन-देन के व्यवहार में एक से अधिक दस्तावेजों के लिए १०० रुपए की बजाय ५०० रुपए के स्टांप पेपर का इस्तेमाल अनिवार्य होगा। करार एवं अन्य समझौता के लिए १०० रुपए के स्टांप पेपर की जगह अब १,००० रुपए का स्टंप पेपर उपयोग में लाना प्रस्तावित किया गया है। लोग अब ऑनलाइन पद्धति से भी मुद्रांक शुल्क भर सकेंगे।

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