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अब एमपी में ३ लाख से ज्यादा लाडली बहनें आउट…नहीं आएंगे खाते में १,२५० रुपए…लगातार कम हुई लाभार्थी महिलाओं की संख्या

सामना संवाददाता / भोपाल

मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना से अब ३ लाख १९ हजार ९९१ महिलाएं बाहर हो चुकी हैं। राज्य सरकार ने इन महिलाओं को योजना की पात्रता सूची से बाहर कर दिया है, जिसके चलते अब इनके खातों में हर माह मिलने वाली १२५० रुपए की राशि नहीं डाली जाएगी। सरकार ने यह पैâसला योजना में निर्धारित आयु सीमा और अन्य पात्रता शर्तों की आड़ में लिया है।
लाडली बहना योजना की मौजूदा पात्रता शर्तों के अनुसार, २१ से ६० वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को ही इसका लाभ मिल सकता है। जैसे ही कोई महिला ६० वर्ष की उम्र पूरी करती है, वह योजना से बाहर हो जाती है। प्रदेश में ६० साल की उम्र पार कर चुकी करीब ३ लाख १९ हजार ९९१ महिलाएं इस कारण अब योजना से बाहर हो गई हैं। इनमें से ५७ हजार ७५ महिलाएं ऐसी हैं जो पहले से सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पेंशन प्राप्त कर रही हैं। अब इन्हें सिर्फ वही पेंशन मिलती रहेगी, लेकिन लाडली बहन योजना के तहत मिलने वाली राशि नहीं मिलेगी। प्रदेश में लाडली बहन योजना में शामिल महिलाओं की संख्या में पिछले कुछ महीनों से लगातार गिरावट देखी जा रही है। २१ से ३५ वर्ष की उम्र वर्ग में अक्टूबर २०२४ में ५८ लाख ९४ हजार ७४० महिलाएं थीं, जो जनवरी २०२५ में घटकर ५८ लाख ८५ हजार ६८३ रह गर्इं। ३६ से ५० वर्ष की महिलाओं की संख्या ५३ लाख ५१ हजार २२३ से घटकर ५३ लाख ४३ हजार ४६४ पर आ गई। वहीं ५१ से ६० वर्ष की महिलाओं की संख्या १५ लाख ९३ हजार ८०४ से घटकर १४ लाख २५ हजार ५२ हो गई है। इस गिरावट का प्रमुख कारण योजना की आयु सीमा और पात्रता में सख्ती मानी जा रही है।
बुजुर्ग महिलाओं में नाराजगी
६० साल की उम्र पूरी कर चुकी कई महिलाएं इस फैसले से नाराज हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली बुजुर्ग महिलाओं का कहना है कि इस योजना से उन्हें मासिक खर्च में बड़ी राहत मिलती थी। अब योजना से बाहर कर दिए जाने के बाद उन्हें पेंशन राशि पर ही निर्भर रहना होगा।
आयु सीमा और राशि में बदलाव से इनकार
प्रदेश में इस योजना के तहत महिलाओं को हर माह १२५० रुपए की सहायता दी जाती है। हालांकि, हाल ही में चर्चा थी कि सरकार योजना की राशि बढ़ाकर ३००० रुपए कर सकती है और आयु सीमा को २१ से घटाकर १८ वर्ष और अधिकतम सीमा को आजीवन करने जा रही है, लेकिन सरकार ने फिलहाल किसी भी तरह का बदलाव करने से इनकार कर दिया है।

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