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अब सौगात लगी बंटने! … हार के बाद दिल्ली से गल्ली तक सत्ताधीशों की अक्ल आई ठिकाने

लोकसभा चुनाव में ‘अबकी बार ४०० पार’ की भारी फजीहत हुई है। ४०० तो खैर दूर की बात रही, भाजपा अपने बल पर बहुमत का भी जुगाड़ नहीं कर पाई। यही कारण है कि अब दिल्ली से गल्ली तक सत्ताधीशों की अक्ल ठिकाने आ गई है और अब सौगात बांटने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत जहां मुंबई में एक वैंâसर अस्पताल के भवन का निर्माण शुरू हो गया है, वहीं केंद्र की तरफ से भी रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों के टिकटों पर छूट देने की तैयारी चल रही है।

रेलवे की छूट दोबारा होगी शुरू
सामना संवाददाता / मुंबई
मोदी सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में मिलनेवाली छूट को बंद कर दिया था। इससे लोगों में भारी नाराजगी थी। अब चार साल के लंबे इंतजार के बाद, रेल यात्रा में मिलने वाली छूट की बहाली की संभावनाएं फिर से उठ रही हैं। रेलवे सूत्रों का कहना है कि इस बारे में रेल मंत्रालय में चर्चा हुई है। हालांकि, इसके शुरू होने को लेकर अभी कोई समय नहीं बताया गया है।
वरिष्ठ नागरिकों के साथ हुआ अन्याय
बता दें कि इस छूट के बंद होने से लाखों वरिष्ठ यात्रियों को भारी आर्थिक बोझ सहना पड़ा। अब जब इस छूट को फिर से दिए जाने की बात सामने आई है, तो यह सवाल उठता है कि इसे लागू करने में और कितनी देरी होगी और क्या वाकई इसे पूरी तरह से बहाल किया जाएगा। रेलवे प्रशासन ने इस निर्णय के पीछे वित्तीय कारणों का हवाला दिया था, लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह महज बहाना है। वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली यह छूट एक लंबे समय से सामाजिक सुरक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा रही है और इसे बंद करने का पैâसला उनके साथ अन्याय है।
कई वरिष्ठ नागरिक संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता इस फैसले के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं। उनका कहना है कि सरकार और रेलवे प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और जल्द से जल्द इस छूट को बहाल करना चाहिए। इस पूरी स्थिति ने रेलवे प्रशासन की नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह साफ है कि इस मुद्दे का समाधान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। बता दें कि पिछले चार वर्षों में रेलवे ने मोटी कमाई की है। इस कदम से लाखों वरिष्ठ नागरिकों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। वित्तीय कारणों का हवाला देते हुए रेलवे ने यह छूट बंद कर दी थी, लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह निर्णय केवल राजस्व बढ़ाने के लिए था। बता दें कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी से पता चला है कि चार साल पहले ट्रेन किराए में रियायतें वापस लेने के बाद भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों से ५,८०० करोड़ रुपए से अधिक का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया।

नायर कैंसर अस्पताल का निर्माण हुआ शुरू
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र में एनडीए की बुरी हालत को देखते हुए अब ‘घाती’ सरकार लोगों को लुभाने के लिए सौगात देने की तैयारी कर रही है। विधानसभा और मुंबई मनपा चुनाव आनेवाले हैं, ऐसे में मतदाताओं को रिझाना जरूरी है। इसके तहत महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में कैंसर मरीजों के लिए मुंबई में शुरू हुई अस्पताल की जिस योजना को ‘घाती’ सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था, उसे अब फिर से शुरू किया गया है। पहले सालों तक अधर में लटकाए रहने के बाद अब नायर अस्पताल परिसर में इसका काम तेज गति से शुरू कर दिया गया है। बता दें कि इस योजना की पहल शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने की थी।
ज्ञात हो कि बीते कई वर्षों से मुंबई और उसके आसपास के शहरों में वैंâसर मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसे लेकर महाविकास आघाड़ी सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने मुंबई में वैंâसर पीड़ितों के लिए एक अस्पताल को लेकर पहल शुरू की थी।

…तो काफी पहले बन चुका होता
मनपा का कैंसर अस्पताल
नायर अस्पताल परिसर में एक १० मंजिला कैंसर अस्पताल का निर्माण काफी धीमी गति से चल रहा है। यह अस्पताल काफी पहले बन जाना था, पर घाती सरकार ने सत्ता में आते ही इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। मनपा के माध्यम से इस अस्पताल का निर्माण करके इसे गरीब मरीजों को समर्पित करने का उद्देश्य था। इसके लिए अस्पताल में तमाम जरूरी संसाधन और मशीनरी मुहैया कराया जाना था। इसके लिए उन्होंने बाकायदा बैठकों का दौर शुरू करके प्रस्ताव तैयार कराया था। यह प्रस्ताव लगभग मंजूर हो गया था। अनुमान था कि जल्द ही काम भी शुरू हो जाएगा, लेकिन इस बीच महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई और असंवैधानिक तरीके बनी घाती सरकार सत्ता में आ गई। फिर इस सरकार ने इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। हालांकि, विधानसभा और मनपा चुनावों को देखते हुए यह सरकार फिर से सक्रिय हो गई है और उसने पिछले करीब चार महीने से वैंâसर अस्पताल का निर्माण शुरू कर दिया है। हालांकि, निर्माण कार्य काफी धीमा है और २० फीसदी भी पूरा नहीं हो सका है। माना जा रहा है कि चुनावों में श्रेय लेने के लिए इस काम को शुरू किया गया है। लेकिन इसके पूरा होने में अभी भी ढाई से तीन साल का समय लगने की पूरी संभावना है।
नायर अस्पताल के डीन डॉ. सुधीर मेढेकर ने कहा कि इस अस्पताल में एडवांस रेडियोथेरेपी यूनिट, एडवांस न्यूक्लियर मेडिसिन, पेट स्कैन, कैंसर मरीजों के लिए पैथोलॉजी, मेडिकल और सर्जिकल ऑनकोलॉजी की व्यवस्था रहेगी। उन्होंने कहा कि मुंबई में कैंसर मरीजों के लिए इस तरह की यह पहली परियोजना है। उन्होंने कहा कि इमारत का निर्माण तीन चार महीने पहले से शुरू किया गया था, जिसका निर्माण दो मंजिल तक पूरा कर लिया गया है। इस योजना पर मनपा की ओर से २५ से ३० करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। डॉ. मेढेकर ने कहा कि अस्पताल ५० से ६० बेड का होगा, जिसमें डे केयर सेंटर की भी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि डे केयर सेंटर में कैंसर मरीजों के लिए रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। फिलहाल, मेडिकल ऑनकोलॉजी यूनिट पहले से ही है। इसके बाद भी मेडिकल के साथ ही सर्जिकल ऑनकोलॉजी पर ज्यादा ध्यान रहेगा। इसी के साथ ही रेडियो ऑनकोलॉजी यूनिट को इमारत बनने के बाद स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसमें १० से १२ डॉक्टरों की टीम काम करेगी।

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