सगीर अंसारी / मुंबई
शहर में गरीबों की मदद के लिए काफी पुरानी ट्रस्ट में मैनेजर के तौर पर नियुक्त दो लोगों एनआरआई ट्रस्टी के जाली हस्ताक्षर कर खुद को ट्रस्टी बनाने के मामले में एनआरआई ट्रस्टी ने दोनों के विरुद्ध पायधूनी पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत देकर दोनों पर जालसाजी के तहत करवाई की मांग की है।
मुंबई में संचालित यूसुफ एब्राहिम गरडे चैरिटी ट्रस्ट का गठन 1929 में 78 वर्षीय एनआरआई ट्रस्टी यूसुफ गरडे के दादा ने किया था, जिसके अकेले बचे यूसुफ गरडे ने बताया के इस ट्रस्ट की मुंबई में 3 प्रॉपर्टी है, जिसको उन्होंने गरीबों की मदद के लिए वक्फ की थी और बाद में इनके पिता इस ट्रस्ट के ट्रस्टी बने और बाद में फिर यूसुफ को ट्रस्टी बनाया। उन्होंने बताया कि उनके विदेश में रहने की वजह से यहां ट्रस्ट में कुछ ट्रस्टी ने अपने फायदे के लिए प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लिया, जिसकी शिकायत मिलने के बाद वह मुंबई आए और ट्रस्टियों के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई और उसी दौरान उनकी मुलाक़ात हनीफ नाखंडे से हुई और उन्होंने इनको इम्तियाज पटनी से मिलवाया, जिसके बाद गरडे ने इन्हें ट्रस्ट में मैनेजर के तौर पर नियुक्त कर राज्य वक्फ बोर्ड में चेंज रिपोर्ट के लिए कागजात तैयार कर इन्हें जमा करने को कहा यूसुफ गरडे ने आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों ने बाद में मेरे फर्जी हस्ताक्षर कर ट्रस्ट में मैनेजर की जगह ट्रस्टी बन गए, जिसको लेकर गरडे ने पायधूनी पुलिस को संपर्क कर उन्हें इन दोनों के विरुद्ध जालसाजी के तहत करवाई की मांग की है।