अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
पश्चिम रेलवे बांद्रा टर्मिनस पर ऑपरेशनल क्षमता बढ़ाने के लिए तीन नई पिट लाइनों का निर्माण कर रहा है। यह विकास उत्तर प्रदेश और बिहार के यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा, क्योंकि अब लंबी दूरी की ट्रेनों के रख-रखाव में तेजी आएगी और अधिक ट्रेनें चलाई जा सकेंगी।
अधिकारियों के अनुसार, नई पिट लाइनों को भविष्य में वंदे भारत ट्रेनों के रख-रखाव के लिए भी अपग्रेड किया जा सकता है। फिलहाल, वंदे भारत ट्रेनों के रख-रखाव की सुविधा केवल मुंबई सेंट्रल पर उपलब्ध है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद बांद्रा टर्मिनस पर ट्रेनों के रखरखाव की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। बांद्रा टर्मिनस उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के राज्यों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाता है, जिसमें उत्तर प्रदेश और बिहार प्रमुख हैं। फिलहाल, टर्मिनस पर रोजाना औसतन २३ ट्रेनें चलती हैं, जिनमें से नौ का रखरखाव तीन मौजूदा पिट लाइनों पर होता है। बाकी ट्रेनों को प्लेटफॉर्म से ही वापस भेज दिया जाता है। नई पिट लाइनों के बन जाने के बाद, टर्मिनस रोजाना ३२ ट्रेनों को संभाल सकेगा, जिनमें से १८ ट्रेनों का पूर्ण रख-रखाव संभव होगा। इससे यूपी और बिहार के यात्रियों को अधिक ट्रेनों की उपलब्धता होगी और लंबी दूरी की यात्रा में सुविधा बढ़ेगी।
विकास कार्यों की समयसीमा
तीनों नई पिट लाइनों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। पहली पिट लाइन १० फरवरी तक, दूसरी ३१ मार्च तक और तीसरी ३१ मई २०२५ तक तैयार हो जाएगी। पश्चिम रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि यह परियोजना वंदे भारत ट्रेनों के रख-रखाव के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की बड़ी योजना का हिस्सा है। इन पिट लाइनों से मुंबई सेंट्रल पर दबाव कम होगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा। यह विस्तार पश्चिम रेलवे की यात्री सेवाओं में सुधार और यूपी-बिहार सहित पूरे देश के यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।