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राज्य के सरकारी अस्पतालों में नर्सों ने की हड़ताल … प्रमोशन और रिक्त पदों पर भर्ती करने की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
प्रमोशन और रिक्त पदों पर भर्ती सहित विविध मांगों को लेकर गुरुवार २० फरवरी को महाराष्ट्र के सभी सरकारी अस्पतालों की नर्सों ने एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की। नर्सों की हड़ताल के कारण अनेक सरकारी अस्पतालों में सामान्य कामकाज में भारी बाधा उत्पन्न हुई। मरीज परेशान हुए, परंतु अस्पताल प्रशासन का कहना है कि हड़ताल के कारण अस्पताल के कामकाज पर कोई अधिक प्रभाव नहीं हुआ। डॉक्टर व अन्य कर्मचारी-अधिकारी अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रहे थे।
महाराष्ट्र गवर्नमेंट नर्सिंग एसोसिएशन प्रमुख इंदुमति थोरात ने बताया कि राज्यभर में कुल १०,००० नर्सों में से ८,००० नर्सों ने हड़ताल में भाग लिया। श्रीमती थोरात ने मीडिया को बताया कि इस हड़ताल के विषय में राज्य सरकार के संबंधित विभागों व अधिकारियों को १५ दिन पहले ही सूचना दे दी गई थी और हमें उम्मीद थी कि इन विषयों पर राज्य सरकार के साथ चर्चा करके समस्या का समाधान किया जाएगा। परंतु राज्य की महायुति सरकार ने हमारी उपेक्षा की है। इंदुमति थोरात के अनुसार, विगत दो दशक से नर्सों की विभिन्न मांगें लंबित पड़ी हैं, पर सरकार की उदासीनता के चलते हमें हड़ताल करनी पड़ी। उन्होंने चेताया कि यदि महायुति सरकार हमारी मांगे नहीं पूरी करेगी तो हम फिर से लंबी हड़ताल का रुख अख्तियार करेंगे।
बृहन्मुंबई राज्य सरकारी परिचारिका संगठन की संयुक्त सचिव छाया गायकवाड के अनुसार, विभाग में रिक्त पड़े स्थानों को भरने सहित नर्सों की वरिष्ठता के आधार प्रमोशन व अन्य मांगों को लेकर सांकेतिक हड़ताल की गई थी। हड़ताल में महाराष्ट्र के विविध अस्पतालों व मुंबई के जे.जे. अस्पताल, कामा अस्पताल और जीटी अस्पताल की नर्सों ने भाग लिया।

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