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नायलॉन मांझा बन गया `मौत का धागा’… कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दी कड़ी चेतावनी!

सामना संवददाता / मुंबई

नायलॉन काइट स्ट्रिंग्स (मांझा) से हो रही मौतों को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने राज्य सरकार की लापरवाही पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने मकर संक्रांति के दौरान इस समस्या को गंभीरता से न लेने के लिए महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की और इसे ‘लापरवाही’ करार दिया।
कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वे नायलॉन मांझा के उपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए। कोर्ट का कहना था कि पुलिस और नगर निगमों को इस मामले में पूरी तरह सक्रिय रहना होगा और नायलॉन मांझा बेचने वाले सभी दुकानदारों और आपूर्तिकर्ताओं पर कार्रवाई करनी होगी। साथ ही, नायलॉन मांझा पर नियंत्रण रखने के लिए रिपोर्ट्स तैयार कर कोर्ट में पेश करने को कहा।
८ जनवरी को न्यायमूर्ति मंगेश पाटील और प्रफुल्ल खुबालकर की बेंच ने स्वत: संज्ञान लेकर याचिका पर सुनवाई शुरू की थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जबकि अन्य १४ राज्यों ने पहले ही नायलॉन मांझा पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बना लिया है।
राज्य सरकार के वकील ए. बी. गिरसे ने कोर्ट को बताया कि कुछ जिलों में कार्रवाई की गई है, जैसे नायलॉन मांझा के बेचने वालों पर अपराध दर्ज किया गया और जागरूकता अभियान चलाए गए। लेकिन मांझा के निर्माताओं तक पहुंचने में पुलिस नाकाम रही है।
लगातार बढ़ती जा रही है समस्या
गिरसे ने कोर्ट को यह भी बताया कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का असर नहीं दिख रहा, क्योंकि नायलॉन मांझा की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है और लोग इससे घायल हो रहे हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को जल्द से जल्द एक ठोस नीति और कानून बनाने का आदेश दिया। अगली सुनवाई १६ जनवरी को होगी, तब तक राज्य सरकार को अपनी कार्यवाही की रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

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