सामना संवाददाता / मुंबई
मंत्री दादा भुसे मुझे बोले, इसलिए मैं भी उन्हें बोला। मैं विधायक हूं, मुझसे इस भाषा में बात मत करो, इस तरह मैंने उनसे कहा। मैं भी तीन से साढ़े तीन लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करता हूं। मैं भी सदन में आता हूं और जनता का काम करता हूं। जनता के कामों के लिए मंत्री के पास फॉलोअप करते रहता हूं, लेकिन मंत्री इस तरह का व्यवहार करते हैं? कर्जत के विधायक महेंद्र थोरवे ने खेद व्यक्त करते हुए कहा है कि वे इस बात से काफी दुखी हैं। विधायक महेंद्र थोरवे ने यह भी आरोप लगाया कि दादा भुसे बेहद अहंकारी मंत्री हैं। फिलहाल, इस घटना ने शिंदे गुट के विधायकों के बीच चल रही नाराजगी को जगजाहिर कर दिया है।
विधानमंडल में यह चर्चा जोरों पर है कि विधानमंडल परिसर में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मंत्री दादा भुसे और कर्जत के विधायक महेंद्र थोरवे के बीच धक्का मुक्की हुई है। इसी पृष्ठभूमि में विधायक महेंद्र थोरवे ने मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में उक्त आरोप लगाए हैं। इस संबंध में विधानमंडल में भी तीखी बहस हुई। विपक्षी दलों के विधायकों ने सत्तापक्ष पर जोरदार हमला बोला। मंत्री दादा भुसे और विधायक महेंद्र थोरवे के बीच धक्का-मुक्की के बाद विपक्षी दलों ने शिंदे गुट पर जमकर हमला बोला। हालांकि, शिंदे गुट के कुछ विधायकों ने भी दावा किया है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। हालांकि, इसके बावजूद विधायक महेंद्र थोरवे ने इस संबंध में अपना पक्ष साफ तौर पर रखा है। उन्होंने कहा है कि मैं स्वाभिमानी विधायक हूं। मैं मुख्यमंत्री के साथ ईमानदारी से काम कर रहा हूं। मुख्यमंत्री ने विधायकों का काम करने के लिए मंत्रियों को जिम्मेदारी दी है। हालांकि, क्या हमें इस तरह से जवाब देकर हमारे स्वाभिमान को बेचना है? उन्होंने इस तरह का सवाल भी उठाया। मैंने जो काम बताया वह जनता का काम है। विधायक थोरवे ने यह भी कहा कि मैंने दादा भुसे से स्पष्ट रूप से कहा कि मैं आपके घर का नहीं खाता हूं। यह मेरे निर्वाचन क्षेत्र का काम है और यह काम वहां किया जाना चाहिए। बालासाहेब ने हमें सिखाया है कि अगर मुंह खोलने से न्याय नहीं मिलता तो मुंह पर मारकर काम कराओ। इसलिए हमारे अंदर का शिवसैनिक जाग गया है।