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बाप रे! सीएम की भी नहीं सुन रहे सचिव! …१३ सचिवों ने अब तक नहीं किया अपने जिलों का दौरा

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की महायुति सरकार में शामिल दलों के बीच पालक मंत्री पद को लेकर घमासान चल रहा है। ‘शिंदे’ गुट और अजीत पवार गुट में तलवारें तनी हैं। जिलों के पालक मंत्री बनाने के लिए मंत्री भले लड़ रहे हैं, लेकिन अधिकारियों को इसमें कोई रुचि नहीं है। पालक सचिव नियुक्त होने के बाद भी लगभग १३ सचिव ने अब तक अपने जिलों का मुंह तक नहीं देखा है। आश्चर्य तो यह है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कई बार आदेश जारी किया है कि सभी पालक सचिवों को अपने जिले में जाकर काम करना है, लेकिन अधिकारी इतने ढीठ हो गए हैं कि वे सीएम के आदेश को भी हवा में उड़ा दे रहे हैं। वे सीएम फडणवीस की भी नहीं सुन रहे हैं, जिसे लेकर वैâबिनेट बैठक की शुरुआत में ही फडणवीस पालक सचिवों पर भड़क गए। लगभग १३ सचिवों की इस मनमानी को को लेकर उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की।

सीएम के आदेश को भाव नहीं दे रहे पालक सचिव!

मुख्यमंत्री आने वाले दिनों में सभी जिलों में पालक सचिव जाकर प्रशासनिक कामकाज की समीक्षा करेंगे

राज्य के कुछ जिलों में पालक मंत्री पद को लेकर जारी राजनीतिक विवाद अभी भी शांत नहीं हुआ है। रायगढ़ और नासिक जिलों में यह विवाद बरकरार है। इसी बीच मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल बैठक में पालक सचिवों की कार्यप्रणाली पर खुलकर असंतोष व्यक्त किया। असल में ये पालक सचिव सीएम के आदेश को भाव नहीं दे रहे हैं।
बता दें कि हर जिले के लिए पालक सचिवों की नियुक्ति की गई है। इन्हें जिलों में जाकर सरकारी कामकाज की समीक्षा करनी होती है, लेकिन अब तक कुछ पालक सचिव अपने जिलों में गए ही नहीं हैं। जानकारी के मुताबिक, १३ पालक सचिव अब तक अपने जिलों में नहीं पहुंचे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी सचिवों को तुरंत अपने जिलों में जाकर बैठकें करने के आदेश दिए हैं।

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