श्रीकिशोर शाही
मुंबई
लखनऊ यूं तो राजनीतिक वजहों से अक्सर सुर्खियों में रहता ही है, पर इन दिनों वह एक अलग वजह से चर्चा में छाया हुआ है। लखनऊ में चोरों ने एक बड़ी वारदात कर डाली है। चोरों ने इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा से फिल्मी स्टाइल में करीब ५० लॉकर को कटर से काट डाला और करोड़ों का माल लेकर फुर्र हो गए। हालांकि, वे ज्यादा भाग नहीं पाए क्योंकि घटना की खबर आग की तरह पैâल गई और पुलिस तुरंत एक्टिव हो गई। दो बदमाश मार गिराए गए। तीन गिरफ्तार हो गए और तीन फरार बताए जा रहे हैं। वैसे सवाल कई हैं। पुलिस चौकी से महज १०० मीटर दूर स्थित बैंक की शाखा में चोरों ने इतनी बड़ी वारदात कर डाली और किसी को पता तक नहीं चला। वैसे बैंक में चोरी की एक वारदात तीन दशक पहले हुई थी, जो उस वक्त की सबसे बड़ी बैंक लूट थी। उस लूट में शामिल आरोपियों में से ९ को सबूत के अभाव में सुप्रीम कोर्ट ने २०१७ में बरी कर दिया था।
८० के दशक में खालिस्तान का आंदोलन चरम पर था। उसी दौरान १९८७ में लुधियाना में पंजाब नेशनल बैंक की एक शाखा से ५.७ करोड़ रुपए लूट लिए गए थे। इस लूट की घटना को खालिस्तानी समर्थकों ने अंजाम दिया था। इतनी बड़ी रकम उस वक्त तक किसी बैंक से लूटी नहीं गई थी। इस लूट के बाद पुलिस तुरंत एक्टिव हो गई और धर-पकड़ चालू हो गई। इसमें कई आरोपी गिरफ्तार किए गए और उनके ऊपर केस चला। अदालत में अभियोजन पक्ष ने जो आरोप लगाए उसके अनुसार, सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष दलजीत सिंह बिट्टू और उनके सहयोगी गुरशरण सिंह गामा ने अपने साथियों के साथ यह लूट की थी। पुलिस की वर्दी में बिट्टू और उसके साथी सुबह ९.४५ बजे पीएनबी की मिलरगंज शाखा में घुसे और बिना गोली चलाए पैसे लेकर चले गए। वे पुराने नोट ले गए, नए नोटों को हाथ नहीं लगाया। तत्कालीन बैंक के मुख्य प्रबंधक ने पुलिस को बताया कि लुटेरे १० करोड़ रुपए ले गए थे। लुटेरों ने गार्ड को काबू में करने के बाद बैंक कर्मचारियों और ग्राहकों को धमकाया, जिससे वे फर्श पर बैठ गए। बिट्टू और गामा को १३ आरोपियों के साथ लुधियाना के टाडा स्पेशल जज ने २० नवंबर, २०१२ को दोषी ठहराते हुए १० साल की सजा सुनाई थी। बिट्टू और गामा बिना जमानत के जेल में १० साल रहे। इस दौरान दो अन्य आरोपियों की मौत हो गई। २०१७ में सुप्रीम कोर्ट ने ९ लोगों को इस मामले से बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई यह साबित करने में विफल रही है कि दोषियों से बरामद ६० लाख रुपए लूटी गई रकम का हिस्सा थे।