श्रीकिशोर शाही
मुंबई
स्मार्टफोन आज हर किसी के जीवन का एक अहम अंग बन चुका है। इसके बिना जीवन अधूरा सा महसूस होता है। मगर कई बार कुछ लोगों को इसकी ऐसी लत लग जाती है कि अगर उन्हें मोबाइल फोन के लिए रोका-टोका गया तो वे जान देने में भी नहीं हिचकते। ऐसा ही मामला गत सप्ताह यूपी के महोबा में सामने आया। वहां एक युवती को मोबाइल पर रील बनाने का शौक था। शादी के बाद पति-पत्नी के बीच इसे लेकर विवाद होने लगा। पति चाहता था कि वह उसके साथ वक्त गुजारे पर वह हर समय अपने स्मार्टफोन में उलझी रहती और रील बनाकर इंस्टाग्राम पर डालती रहती। एक दिन यह विवाद इतना उग्र हो गया कि युवती ने गुस्से में ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। मोबाइल के इश्क के कारण यह कोई पहली मौत नहीं है। कुछ साल पहले बैतूल में भी एक ऐसा ही वाकया सामने आया था।
जनवरी २०२२ का वक्त था। मध्य प्रदेश के बैतूल शहर के वॉर्ड नंबर-६ में स्थित एक घर में हाहाकार मच गया। घर में रहनेवाली एक लड़की ने बड़ा कांड कर दिया था। लड़की हाई स्कूल में पढ़ती थी और घंटों अपने दोस्तों से बातें किया करती थी। यह बात उसके माता-पिता को पसंद नहीं थी। परीक्षा नजदीक आ रही थी इसलिए वे चाहते थे कि लड़की पढ़ाई पर अपना ध्यान फोकस करे। मगर उसे मोबाइल पर अपने दोस्तों से बात करने की ऐसी लत लग गई थी कि मां-बाप के तमाम प्रयासों के बावजूद आदत छूट नहीं रही थी। बातचीत के बाद जो समय बचता, उसे लड़की ने सोशल मीडिया को समर्पित कर दिया था। मां-बाप जब डांटते तो वह खाना-पीना छोड़ देती। फिर मान-मनौवल का दौर चलता और जीवन पटरी पर चलने लगता। जनवरी का आखिरी दिन था। उस दिन फोन को लेकर घर में कुछ ज्यादा ही कोहराम मचा। फिर क्या था नाराज छात्रा ने खुद को अपने कमरे में बंद कर लिया। चूंकि ऐसा होता रहता था, इसलिए मां-बाप ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। कुछ घंटे बाद जब मां ने बेटी को दरवाजा खोलने को कहा तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई। भीतर पूरी तरह से खामोशी छाई हुई थी। ऐसे में मां को चिंता हुई तो उसने अपने पति को यह बात बताई। कुछ देर बाद उन्हें किसी अनहोनी की आशंका हुई तो उन्होंने खिड़की से झांक कर देखा तो उनके होश उड़ गए। बेटी ने अपने दुपट्टे से पंखे में लटककर फांसी लगा ली थी। दरवाजा तोड़कर उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घेषित कर दिया।