श्रीकिशोर शाही मुंबई
यूपी के भाजपा विधायकों पर लगातार अपराध के आरोप लग रहे हैं। हाल ही में बदायूं में भाजपा विधायक पर गैंगरेप और करोड़ों की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। इन विधायक जी का नाम हरीश शाक्य। इस मामले में वे अकेले नहीं आरोपी बनाए गए हैं, बल्कि उनके भाई, भतीजे सहित १६ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। हालांकि, किसी एमपी-एमएलए के खिलाफ केस दर्ज करना इतना आसान नहीं है, पर एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने शाक्य को कटघरे में खड़ा कर दिया है। वैसे यह कोई पहला मामला नहीं है, जब यूपी में सत्ता पक्ष के भाजपा विधायक इतने गंभीर जुर्म के आरोप में फंसे हैं। इसके पहले भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को तो १० साल की सजा भी हो चुकी है। हालांकि, बाद में भाजपा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था।
साल २०१७। इसी साल योगी बाबा को यूपी की सत्ता मिली थी। सत्ता मिलने के कुछ महीने बाद ही जून, २०१७ में दबंग विधायक सेंगर पर उनके गांव माखी की ही रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने रेप का आरोप लगाया था। नाबालिग का आरोप था कि वर्ष २०१७ में उसका अपहरण कर सेंगर ने उसके साथ रेप किया था। हालांकि, तब उस दबंग विधायक पर लड़की कोई मामला दर्ज नहीं करा पाई थी। मामला दर्ज हो पाता उससे पहले ही ८ अप्रैल, २०१८ को पीड़िता के पिता को उन्नाव पुलिस ने आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पीड़िता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की थी। उधर पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई पिटाई की वजह से ९ अप्रैल, २०१८ को मौत हो गई, फिर तो सोशल मीडिया पर बवाल फूट पड़ा। हंगामा मचा तो १२ अप्रैल, २०१८ को मामले की जांच को सीबीआई को सौंप दी गई। ७ जुलाई, २०१८ को सीबीआई ने पीड़िता के पिता की मौत के मामले में आरोप पत्र दाखिल किया, तब जाकर ११ जुलाई, २०१८ को सेंगर पर पोक्सो की धारा के साथ रेप का मामला दर्ज किया गया। १३ जुलाई, २०१८ को कुलदीप सिंह सेंगर से सीबीआई ने लगातार १६ घंटे पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद १३ जुलाई को ही सीबीआई ने सेंगर पर पीड़िता के पिता के खिलाफ झूठा आरोप लगाने का मामला दर्ज किया। मामले की सुनवाई हुई और सेंगर को दोषी करार देते हुए १० साल के कारावास की सजा सुनाई गई। सेंगर ने इस पैâसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।