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पुराने पन्ने : कनाडा से आया हत्या का आदेश!

श्रीकिशोर शाही
मुंबई

हाल ही में ग्वालियर में एक घटना घटी। जेल से पैरोल पर छूटकर आया जसवंत सिंह गिल नामक एक शख्स अपने घर के बाहर टहल रहा था, तभी दो बाइक सवारों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। यह कोई मामूली हत्या नहीं थी, क्योंकि जिस गिल को गोली मारी गई थी वह एक सजायाफ्ता मुजरिम था। पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो इस हत्याकांड के तार कनाडा तक जुड़े मिले। गिल खुद एक हत्यारा था और उसकी हत्या बदले की भावना के तहत की गई थी।
९ साल पूर्व ६ फरवरी, २०१६ की खौफनाक रात। जसवंत सिंह गिल ऊपर से तो शांत नजर आ रहा था, पर उसके मन के भीतर भारी उथल-पुथल मची हुई थी। वह अचानक अपने मामा ससुर राजविंदर सिंह के घर पहुंचा था। दामाद का वहां अच्छा स्वागत-सत्कार हुआ। रात को वह साले सुखविंदर के कमरे में सोया। मगर बंद आंखों में जाग रहा था। आधी रात को जब घर में सब सो रहे थे, वह उठा और पहले अपने साथ सो रहे साले सुखविंदर सिंह को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद जसवंत ने राजविंदर सिंह के कमरे का दरवाजा खटखटाया। राजविंदर सिंह उठ गए। सास बलविंदर कौर, दामाद जसवंत के लिए चाय बनाने चली गई। इतने में जसवंत ने राजविंदर सिंह को भी गोली मार दी। आवाज सुनकर जब सास बलविंदर कौर आई, तो जसवंत ने उन्हें भी गोली मार दी। यानी जसवंत पूरे परिवार को खत्म करना चाहता था। घर में सुखविंदर की १३ साल की बेटी भी थी, जिसने प्रिâज के पीछे छुपकर अपनी जान बचाई। पुलिस ने हत्या के बाद जसवंत को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में मामला चला और जसवंत के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले, जिसके बाद वह आसानी से दोषी करार दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उसे मरते दम तक कारावास की सजा मिली। मगर जसवंत को मिली इस सजा से सुखविंदर का बड़ा भाई सतपाल सिंह खुश नहीं था। कनाडा में रहनेवाला सतपाल अपने भाई के लिए मौत की सजा चाहता था, इसलिए उसने खुद सजा देने का पैâसला किया। सतपाल अपने परिवार के साथ कुछ दिन पहले ही ग्वालियर आया था। उसे पता चला कि उसके भाई का कातिल जसवंत जेल में है, लेकिन साल में वो कई बार पैरोल पर जेल से बाहर भी आता है। इसके बाद सतपाल ने जसवंत के मर्डर का प्लान बना लिया। उसने पंजाब में अपने एक रिश्तेदार से बात की। फिर विदेश में छुपे गैंगस्टर अर्श डल्ला के गैंग में काम करने वाले दो शूटरों से संपर्क साधा। कनाडा जाकर वहां से जसवंत के मर्डर का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया। मर्डर का आदेश मिलने के बाद शूटरों ने जसवंत के घर की रेकी की और उसके पैरोल पर बाहर आने का इंतजार करने लगे, फिर जब जसंवत पैरोल पर बाहर आया तो उसका गेम हो गया।

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