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पुराने पन्ने : राजू नहीं बन पाया जेंटलमैन! …९ परिवारों में उनका खोया बेटा बनकर रहा

श्रीकिशोर शाही
मुंबई

१९९२ में एक फिल्म आई थी ‘राजू बन गया जेंटलमैन’। शाहरुख खान की यह फिल्म एक राजू की कहानी थी। फिल्म हिट रही थी। मगर रियल लाइफ में गाजियाबाद का राजू जेंटलमैन नहीं बन पाया। हाल ही में पुलिस ने उसे धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस राजू ने अपनी पहचान छुपाकर कई लोगों को धोखा दिया और उनका बेटा बनकर उनका दिल तोड़ा। राजू की धोखाधड़ी का तरीका एक जैसा था। वह किसी पुलिस स्टेशन में जाकर कहता कि २० साल पहले उसका अपहरण हो गया था। उसे अपने परिवार की याद नहीं है। फिर क्या था पुलिस उन परिवार वालों को बुला लेती जिनके बच्चे किडनैप हुए थे। फिर वह कहानियां सुनाकर उन्हें भरमाता और फिर किसी एक के साथ हो लेता। बाद में जब घर में कोई जिम्मेदारी मिलती तो वह वहां से पैसे लूटकर रफूचक्कर हो जाता। इस ठग का असली नाम इंद्राज मेघवाल है।
पता चला है कि राजू बठिंडा, हिसार, जैसलमेर और सिरसा में भी धोखा देकर कई परिवारों के साथ रह चुका है। राजू को बचपन में ही चोरी की लत लग चुकी थी। १८ साल की उम्र तक उस पर २४ चोरी के मामले दर्ज हो चुके थे। उसकी चोरी की आदत के कारण ही उसके किसान पिता चुन्नीलाल ने साल २००५ में उसे घर से निकाल दिया था। तब से वह यहां-वहां फिरता रहा और फिर उसने ठगी का ऐसा धंधा शुरू कर दिया। इसी तरह एक केस की जांच के सिलसिले में पुलिस को पता कि वह किसी का खोया हुआ बेटा राजू या भीम नहीं, बल्कि इंद्राज मेघवाल है। वह ३८ साल का है और राजस्थान के अनूपगढ़ जिले का रहनेवाला है। वह एक छोटा चोर है, जिसे २००५ में घर से निकाल दिया गया था। पिछले चार सालों में वह ९ परिवारों के साथ उनका खोया बेटा बनकर रहा है। उसके पिता चुन्नी लाल मेघवाल एक किसान हैं। पुलिस ने उसकी असली मां, भाई रानेश और बहनों मंजू और वीरमती से भी मुलाकात की। फिर उसके पिता ने पुलिस को उसकी चोरी की आदतों के बारे में बताया। वह उन रिश्तेदारों के घरों से भी चोरी करता था, जिनके घर वे आते थे। मां ने बताया कि इंद्राज की चोरी की आदत की वजह से उन्हें अपना घर छोड़कर श्रीगंगानगर में जाना पड़ा। २०२१ में उसने एक घर में लूटपाट की और भाग गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और वह छह महीने जेल में रहा। छूटने के बाद वह श्रीगंगानगर के एक पुलिस स्टेशन गया और दावा किया कि २० साल पहले उसका अपहरण कर लिया गया था। पुलिस ने पुरानी फाइलें खंगालीं और कुछ परिवार उससे मिलने आए। उसने एक परिवार की बातचीत सुनी और जो जानकारी जुटाई उसका इस्तेमाल करके उन्हें यकीन दिलाया कि वह वास्तव में उनका बेटा है। इस तरह उसने ठगी का यह धंधा शुरू कर दिया और एक के बाद एक करके ९ परिवारों में उनका खोया बेटा बनकर रहा।

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