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चैत्र पूर्णिमा पर काशीवासियों ने आस्था और उल्लास के साथ मनाया श्री हनुमान जन्मोत्सव…अंजली के लाल के जन्मोत्सव पर भगवामय हुआ मोक्ष नगरी काशी

उमेश गुप्ता / वाराणसी

मोक्ष नगरी काशी यूं तो भूतभावन भगवान शिव के लिए जाना जाता है, लेकिन उन्हीं के अंश अंजनी पुत्र के जन्मोत्सव पर शनिवार को काशी रामभक्त हनुमानमय हो गया था। इस दौरान नगर के सभी हनुमान मंदिरों में भव्य जन्मोत्सव का आयोजन किया गया।  आयोजनों के इसी क्रम में श्री हनुमत् सेवा समिति नेवादा द्वारा श्री हनुमान ध्वजा यात्रा अपने स्थापना के 22 वें वर्ष विराट जनसमूह के साथ यात्रा निकाली गई।
काशी के दक्षिणी छोर पर स्थित भिखारीपुर तिराहे पर जहां एक ओर भगवान भास्कर अपनी लालिमा के साथ जगत को आशीष दे रहे थे, ठीक उसी समय 11 बटुको द्वारा षोड़शोचार पूजन और आरती को संपन्न कराया जा रहा था। “जय श्रीराम और हर हर महादेव” के गगनभेदी उदघोष के साथ 100 से ज्यादा डमरुओं की डिम डिम से गुंजायमान वातावरण भक्तों में अद्भुत चेतना का संचार कर रहा था। इसके उपरांत मुख्य ध्वजा नेवादा स्थित मुख्य कार्यालय पहुँचा, जहां से पुनः मुख्य ध्वजा और 40 फिट लम्बे रथ पर विराजमान “राम दरबार” के झांकी की मुख्य अतिथियों द्वारा आरती उतारे जाने के बाद हनुमान ध्वजा यात्रा श्री संकट मोचन दरबार के लिए प्रस्थान की।
यात्रा में एक नहीं ढेरों आकर्षण के केंद्र थे। जन्मोत्सव को यादगार बनाने के लिए भक्तों के हाथों में लहराती लाल-केशरिया ध्वजाएं, मुख से जय श्रीराम के गगनभेदी उदघोष, साथ मे 100 से ज्यादा डमरुओं की डम डम से गुंजायमान वातावरण, राम नाम संकीर्तन करता कीर्तन मण्डलियों का समूह, साथ ही 2,200 भक्तों के हाथ में भगवान बजरंगबली की पहचान छोटे-बड़े “गदा” हनुमान भक्तों का अपने आराध्य के जन्मोत्सव पर उनके प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण दिखा। तेज धूप की परवाह न करते हुए नंगे पांव महिलाओं और युवतियों की विशाल समूह हाथों में ध्वज और पूजन की थाली के साथ आंखों में अपने आराध्य प्रभु हनुमंत लला के दर्शन की आस लिए जय घोष के साथ लगातार आगे बढ़ रही थी।
हनुमान ध्वजायात्रा में 7 राज्य संग पूर्वांचल भर के 20,000 से अधिक श्रद्धालु हाथों में ध्वज और माथे पर जय श्री राम के पट्टी के साथ शामिल हुए, जो विश्व कल्याणार्थ संकट मोचन हनुमान जी के चरणों में अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
यात्रा के शुरुआत के पूर्व उपस्थित हनुमान भक्तों को “काशी अंर्तगृही क्षेत्र को मांस मदिरा मुक्त” कराने के लिए शपथ दिलाई गई। “अभियान पवित्र काशी” के मांग के समर्थन में श्री हनुमान ध्वजायात्रा में विशेष झांकी भी यात्रा में चर्चा का केंद्र रहा। झांकी में शिव की नगरी काशी को मांस मदिरा मुक्त करने का आवाहृन किया जा रहा था।
हनुमान ध्वजायात्रा में वाराणसी सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु के साथ श्रद्धालुओं का जत्था अपने साथ झांकी भी सजा कर लाये थे। । झांकियों में राम दरबार के साथ साथ हनुमान जी, शिव पार्वती आदि देव विग्रहों की सजीव झांकी भी शामिल रहे।
श्री हनुमत् सेवा समिति की तरफ से भक्तों के लिए 1001 किलोग्राम लड्डू का भोग प्रसाद को भक्तों में वितरित किया गया।
इस यात्रा की अगुवाई शहर के संत और महंत, बैरागी और दंडी स्वामी, वैष्णो और शैव संप्रदाय के धार्मिकजन के साथ काशी के विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट जन ने किया।
यात्रा में प्रमुख्य रूप से अध्यक्ष रामबली मौर्य, कोषाध्यक्ष अजय मौर्य, संरक्षक डॉ. संतोष ओझा, त्रिभुवन मौर्य, संकटमोचन मौर्य, तारकेश्वर नाथ कुशवाहा, ओमप्रकाश वर्मा, अशोक गुप्ता, बबलू सिंह, रामदयाल प्रजापति आदि शामिल थे।
चैत्र पूर्णिमा को श्री हनुमान ध्वजा प्रभात फेरी समिति द्वारा 15 दिवसीय हनुमान ध्वजा प्रभात फेरी के समापन पर हनुमान जयंती पर धर्म संघ में क्षेत्रपालेश्वर महादेव मंदिर में हनुमान भक्तों ने पूजन-अर्चन किया। इसके बाद हनुमान ध्वजा का पूजन किया गया। वाराणसी के भक्तों को ध्वजा देकर यात्रा का शुभारंभ किया गया। इसके पूर्व पालकी में विराजमान श्री गणेश विनायक हनुमान जी और शंकर जी रथ पर बैठे। श्री संकट मोचन हनुमान जी की भव्य झांकी रंग-बिरंगे, फूलों-फलों से सजाई गई थी, जिनकी गंगा की तर्ज पर महाआरती उतारी गई।
हनुमान जयंती पर धर्म संघ से भक्तों द्वारा एक विशाल हनुमान ध्वजा शोभा यात्रा निकाली गई, जिसमें 1101 महिला, पुरुष और बच्चे हनुमान ध्वजा लिए चल रहे थे। शोभायात्रा में सबसे आगे हनुमान जी का बड़ा निशान व विश्वनाथ अग्रवाल मंगल ज्योत लेकर चल रहे थे। तत्पश्चात महिलाएं राजस्थानी वेशभूषा में स्कूटी पर सवार होकर आगे-आगे जय श्री राम का नारा लगा रही थी। इस दौरान डमरू की निनाद से माहौल भक्तिमय हो गया था।
शोभा यात्रा धर्म संघ से निकलकर रविंद्र पुरी दुर्गाकुंड होते हुए त्रिदेव मंदिर में तीनों के विग्रहों का भक्तों ने दर्शन किया तत्पश्चात सालासर हनुमान जी को 11 निशान अर्पित किए गए। त्रिदेव मंदिर पर शोभायात्रा पहुंचने पर त्रिदेव मंदिर के अध्यक्ष भरत सर्राफ मंत्री राधे गोविंद केजरीवाल, पवन अग्रवाल, एमपी अनिल सराफ के नेतृत्व में प्रभु की महा आरती उतारी। पुष्प वर्षा कर भक्तों का स्वागत किया व बेल का शरबत पिलाया।
शोभायात्रा संकट मोचन मंदिर पहुंचने पर भक्तों ने प्रभु के चरणों में निशान अर्पण की मंदिर में राम दरबार का स्वरूप का दर्शन प्राप्त हुआ, सामूहिक हनुमान चालीसा पढा गया, प्रभु की आरती उतारी गयी। प्रभु को भोग लगा भक्तों में वितरण हुआ।
संयोजन में कौशल शर्मा, विश्वनाथ पोद्दार, सुरेश तुलस्यान, विकास अग्रवाल, लोकेश अग्रवाल, महेश चौधरी, कृष्ण कुमार काबरा, पवन कुमार अग्रवाल, विजय मोदी, अनिल सराफ, राजू मित्तल, मंटू पोद्दार, अर्जुन रतेरिया, राजेश धानुका, पूर्व विधायक अजय राय, गोकुल शर्मा, वेद मूर्ति शास्त्री, रघु देव अग्रवाल, श्री हनुमान भक्त मंडल, श्याम, ब्राह्मण मंडल, जय श्री कृष्णा फाउंडेशन मंडल, समाज की अनेक संस्थाएं के अध्यक्ष मंत्री सम्मिलित हुए।

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