-सीमावर्ती बढ़ेगी तनातनी
-पाक रेंजर फसलों को कर सकते हैं नष्ट
सुरेश एस डुग्गर / जम्मू
आने वाले दिनों में जम्मू सीमा पर क्या तनातनी का माहौल बनेगा? यह सवाल उठने लगा है। दरअसल, सीमा सुरक्षा बल ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष पाक रेंजरों से कहा है कि अगर उन्होंने इस बार अकारण गोलीबारी कर भारतीय किसानों को उनकी फसलें नहीं काटने दी तो भारतीय पक्ष भी जैसे को तैसा वाली रणनीति अपनाकर पाकिस्तानी किसानों को फसलें नहीं काटने देगा। साथ ही बीएसएफ ने भारतीय किसानों को सुरक्षा प्रदान करने की खातिर उनके खेतों में बंकर स्थापित करने की भी घोषणा की है। अब देखना यह है कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आता है या नहीं और भारतीय तंत्र को कितनी सफलता मिलती है।
यह चेतावनी बीएसएफ के जम्मू प्रâंटियर के आईजी दिनेश कुमार बुरा द्वारा चमलियाल सीमा चौकी के दौरे के दौरान दी गई। हालांकि, वे सीमा सीमावर्ती किसानों को तारबंदी के आगे के इलाके में ज्यादा से ज्यादा इलाके में खेती करने को उत्साहित कर रहे थे। साथ ही आश्वासन दिया कि वे किसानों की पूरी सुरक्षा करेंगे। इसके लिए उन्होंने इस बार तारबंदी के आगे के खेतों में बंकर भी स्थापित करने की योजनाओं के बारे में विस्तृत तौर पर बताया।
दरअसल, जम्मू सीमा पर अभी भी कई इलाकों में तारबंदी जीरो लाइन से काफी पीछे है और कई इलाकों में दोहरी तारबंदी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि वर्ष १९९५ में जब भारत सरकार ने सीमा पर तारबंदी का कार्य आरंभ किया था तो पाक सेना ने भारी गोलाबारी कर इसको रुकवा दिया था। इसके बाद इस तारबंदी को कई इलाकों में आधा किमी से लेकर २ किमी पीछे किया गया फिर बाद में सीजफायर की आड़ में इसे आगे बढ़ाया जा सका था।
उन्होंने किसानों को बताया कि आने वाले दिनों में किसानों के खेतों में बंकर बनाने की योजना बनाई जा रही है। इससे अगर दिन में खेत में काम करते गोलीबारी शुरू हो जाती है तो किसान बंकर में जाकर अपने आपको सुरक्षित कर सकते हैं। रात के समय सुरक्षाबलों के जवान उसमें अपनी ड्यूटी कर सकेंगे। हालांकि, वे कहते थे कि तारबंदी के आगे खेती के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं कि कब तारबंदी के आगे जाना है और कब वापस आना है। उसका पालन सुरक्षाबलों के साथ किसानों एवं सीमावर्ती लोगों को करना होगा, जिससे सीमा की सुरक्षा में कोई बाधा न पड़े। हालांकि, रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि बीएसएफ की इस चेतावनी और योजना के बाद जम्मू सीमा पर माहौल गर्मा सकता है। इससे पहले भी कई बार बंकरों के निर्माण पर आपत्ति जताते हुए पाक रेंजर, पाक सेना के साथ मिलकर सीमा के गांवों को गोली की बरसात से पाटते रहे हैं।