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मोदी की दुखती रग पर भागवत ने रखा हाथ!

-केंद्र को दिखाया मणिपुर मामले में आईना

सामना संवाददाता / नागपुर

हालिया लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस तरह से जोड़-तो़ड करके सरकार बना पाए हैं। पूरे देश में २०० से ऊपर रैलियां करने के बाद भी भाजपा बहुमत से काफी दूर रही। ऐसे में पिछली दो बार पूर्ण बहुमत से सरकार चलानेवाले मोदी इस बार कमजोर हुए हैं। अब मोदी जैसे ही कमजोर हुए वैसे ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने उनकी दुखती रग पर हाथ रखते हुए मणिपुर की याद दिला दी।
संघप्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर में शांति बहाली नहीं होने पर केंद्र को आईना दिखाया है। भागवत ने सीधे तौर पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है। इस पर प्राथमिकता से विचार करना होगा। बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान पीएम ने झूठ का पिटारा ही खोल दिया था और हर रैली में थोक में झूठ बोल रहे थे। इस पर मोदी सरकार को नसीहत देते हुए संघप्रमुख ने कहा कि चुनाव के दौरान प्रतिस्पर्धा अपरिहार्य है, लेकिन यह सत्य पर आधारित होना चाहिए। हमारी परंपरा आम सहमति बनाने की है इसलिए संसद में दो पक्ष होते हैं, ताकि किसी भी मुद्दे के दोनों पक्षों पर चर्चा हो सके। हमने कई क्षेत्रों में प्रगति की है पर इसका यह मतलब नहीं है कि हमने सभी चुनौतियों पर काबू पा लिया है। जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार की तानाशाही नीतियों के कारण संघ नाखुश है इसलिए चुनाव में भी संघ ज्यादा सक्रिय नहीं था। संघ की नाराजगी को भांपकर ही मोदी चुनाव के बीच नागपुर गए थे और संघ के नेताओं को मनाने का प्रयास किया था। चुनाव के बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी भाजपा की राजनीति में संघ को गैरजरूरी बताकर विवाद खड़ा कर दिया था। इस कारण भी संघ के नेता नाराज बताए जाते हैं। अब संघप्रमुख का बयान इसी का प्रकटीकरण माना जा रहा है।
कांग्रेस ने किया कटाक्ष
संघप्रमुख के बयान के बाद कांग्रेस महासचिव ने मोदी सरकार पर कटाक्ष किया है। पीएम मोदी का बिना नाम लिए जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा ‘शायद भागवत ही आरएसएस के पूर्व पदाधिकारी’ को मणिपुर का दौरा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। बता दें कि मणिपुर हिंसा के बाद विपक्ष के बार-बार कहने के बावजूद पीएम मोदी ने मणिपुर का दौरा नहीं किया।
मोहन भागवत के आशीर्वाद से चल रही यह सरकार
यह सरकार मोहन भागवत के आशीर्वाद से चल रही है। मोहन भागवत जी मोदी जिस तरह अहंकारी व्यवहार करते हैं उन्हें सत्ता से वैâसे दूर कर सकते हैं, उसे आप देखिए, सिर्फ टिप्पणी करने से कुछ नहीं हो सकता। संजय राऊत ने कहा कि या तो मोहन भागवत यह स्पष्ट करें कि हमारा भाजपा से कोई संबंध नहीं है, जिस तरह से नड्डा ने कहा कि हमें संघ की जरूरत नहीं है। अगर भागवत को लगता है कि यह सरकार देश के हित में नहीं है तो उन्हें इस सरकार को गिरा देना चाहिए।

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