सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई से नागपुर तक कम समय में पहुंचाने के लिए बनाए गए हिंदुहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि हाईवे पर अब तक कुल १७,२५५ दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। अत्यधिक गति और वाहन चलाते समय ड्राइवर को आई नींद के कारण हुए इन हादसों में २१५ लोगों की जान चली गई है।
नागपुर से मुंबई तक ७०१ किलोमीटर लंबे समृद्धि हाईवे पर वाहनों की गति सीमा १५० किमी प्रति घंटा तक रखी जा सकती है, लेकिन वर्तमान में इस हाईवे पर १२० किमी प्रति घंटा की सीमा निर्धारित है। इस हाईवे पर अब तक १ करोड़ १८ लाख से अधिक वाहनों ने यात्रा की है।
लेकिन समृद्धि हाईवे पर हुए हादसों की बढ़ती संख्या के कारण अभी भी यात्री इस मार्ग से यात्रा करने में डर महसूस करते हैं। सीधे और समतल मार्ग होने के कारण चालक तेज गति से वाहन चलाते हैं। अत्यधिक गति के कारण कई बार ड्राइवर का वाहन पर से नियंत्रण हट जाता है और दुर्घटनाएं हो जाती हैं। दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के बाद, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास मंडल ने उपाय करना शुरू किया और हादसों के कारणों की जांच की, जिसमें ड्राइवर को नींद आना, अत्यधिक गति, रैश ड्राइविंग, क्षमता से अधिक सामान लदे वाहन (ओवरलोड), ड्रिंक एंड ड्राइव, तनाव, रोड हिप्नोसिस (संमोहनावस्था) और वाहन चालक की लापरवाही प्रमुख कारण पाए गए। लेकिन दुर्घटनाओं को कम करने के लिए महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास मंडल ने विभिन्न उपाय किए हैं, जिससे हादसों की संख्या में कमी आ रही है, ऐसा मंडल का दावा है।
जानवरों की टक्कर
यह हाईवे जंगल से होकर गुजरता है, इसलिए जंगल के जानवर अचानक से हाईवे पर आ जाते हैं, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं। अब तक जानवरों के वाहनों से टकराने की २,१७६ घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं में २,३८५ जानवरों की मृत्यु हो गई, जबकि ६५ जानवर घायल हुए हैं।