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स्कायवॉक पर जरा संभलकर!.. मानसून में जानलेवा हो जाता है पुल से आना-जाना

अनिल मिश्रा / उल्हासनगर

उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के पश्चिमी भाग से आनेवाले रेल यात्रियों का मानसून में भारी बरसात के चलते पुल पर पानी भरने के कारण स्टेशन तक आना और जाना कठिन हो जाता है। उल्हासनगर रेलवे के समीप करोड़ों रुपए खर्च कर एक स्कायवॉक बनाया गया है। वह स्कायवॉक जर्जर और जोखिमभरा होने के कारण रेल प्रवासी तथा उल्हासनगर कैंप चार और पांच के नागरिक उसका प्रयोग नहीं करते। उल्हासनगर स्टेशन भले ही पुल से घिरा है, लेकिन सही नियोजन न होने के कारण बरसात के समय पुल बेकार साबित हो रहा है।
बता दें कि उल्हासनगर (प.) से रेलवे स्टेशन तक आने के लिए पहले तीन नंबर ओटी, साई बलराम गौशाला व एमएमआरडीए द्वारा बनाए गए रेलवे उड़ान पुल के बीच एक छोटा पुल बनाया गया था। उस पुल का प्रयोग बरसाती मौसम को छोड़कर अन्य मौसम में किया जाता था। उसी तरह चांदीबाई महाविद्यालय के सामने उल्हासनगर रेलवे स्टेशन तक पादचारी पुल रेलयात्रियों के लिए बनाया गया है, लेकिन दोनों ही पुल मानसून में पानी से प्रभावित होते हैं। छोटे पुल से तेज बरसात में कार के बहने की भी जानकारी सामने आई है। स्टेशन के बगल संजय गांधी नगर है, जहां सैकड़ों लोग रहते हैं। तेज बरसात में ऐसा भी समय आया जब सैकड़ों लोगों का आना और जाना बंद हो गया। अब उड़ान पुल के सहारे लोग घर तक पैदल आते और जाते हैं, परंतु वाहनों का आवागमन बंद हो जाता है। स्कायवॉक की स्थिति जर्जर है। सीढ़ियां जगह-जगह पर टूट गई हैं। रात में अंधेरा होने के कारण गंदगी के साथ ही असामाजिक तत्वों और नशेड़ियों का वहां अड्डा बन जाता है। इस कारण लोग
स्कायवॉक से आना-जाना कम पसंद करते हैं। तीसरा पुल पूर्व विधायक पप्पू कालानी बनाने वाले थे, परंतु आपराधिक मामले में जेल जाने के कारण सिर्फ तीन ही पिलर बना सके। आज अधर में लटका पुल पप्पू कालानी की निशानी बनकर खड़ा है। धार्मिक विवाद के चलते अब उसका बनना नामुमकिन हो गया है। उल्हासनगर एक व्यापारिक शहर है। लोगों को रेलवे से आने-जाने में दिक्कत होती देख स्थानीय लोगों द्वारा आंदोलन किया गया। उसके बाद उमपा प्रशासन ने छोटे पुल को बनाने का निर्णय लिया। चांदीबाई महाविद्यालय के सामने का पादचारी पुल हर वर्ष पानी में डूब जाता है। तेज पानी के बहाव से पुल की रेलिंग और फ्लोर बह जाती है। उस पुल की भी ऊंचाई बढ़ाने की मांग उठ रही है।
मनपा के शहर अभियंता तरुण सेवकानी ने बताया कि छोटे पुल की ऊंचाई बढ़ाकर निर्माण प्रगति पर है। छोटे पुल की तरह चांदीबाई महाविद्यालय के भी पुल को बनाया जाएगा। शहर के लोग स्टेशन तक आएं और जाएं इसके लिए स्टेशन के समीप तक बस सेवा चलाई जाएगी। स्टेशन के समीप बस डिपो बनाने की योजना है।

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