एक कदम अदम्य उत्साह का,
दूसरा कदम आत्म विश्वास का,
मिट जाएगा कुहासा जीवन सुगम हो जाएगा।
एक शब्द प्रेम का, दूसरा शब्द सांत्वना का
कर देगा किसी निर्बल के हौसले को बुलंद।
एक हाथ उठे गिरते को उठाने का,
दूसरा हाथ उठे क्षमा करने का,
घट जाएगा ग्लानि का दबाव किसी निरीह मन से।
एक साथ सज्जन का, दूसरा साथ भक्त का,
निर्मल विचारों का सोता फूट जाएगा।
एक भाव स्मर्पण का, दूसरा भाव अर्पण का,
व्यक्तित्व तेरा पूरा निखर जाएगा।
एक दृष्टि दूसरों के सुकर्मो पर,
दूसरी दृष्टि अपनी त्रुटियों पर,
तेरे जीवन जीने का अंदाज बदल जाएगा।
-बेला विरदी