मुख्यपृष्ठसमाज-संस्कृतिदेशहित में ‘एक देश एक चुनाव’-पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

देशहित में ‘एक देश एक चुनाव’-पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

-लागू होने पर 1.5 प्रतिशत बढ़ेगी देश की जीडीपी

-बार-बार होने वाले चुनावों से प्रभावित होता है अध्यापन

-HSNC बोर्ड के 75वें वार्षिक समारोह में पूर्व राष्ट्रपति का उद्बोधन

सामना संवाददाता / मुंबई

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्रिक देश को विकसित एवं शिक्षित बनाने के लिए एक साथ चुनाव कराने की महती आवश्यकता है। बार-बार होने वाले चुनावों से देश को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान होता है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि देश में लोक सभा, विधान सभा एवं नगरपालिका चुनाव एक साथ कराएं जाएं ताे देश की जीडीपी में एक प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी। उक्त उद्गार देश के 14वें राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने हैदराबाद (सिंध) नेशनल कॉलेजिएट बोर्ड (HSNC बोर्ड) 75वां वार्षिक समापन समारोह में अपने वक्तव्य के दौरान व्यक्त किए। श्री कोविंद ने कहा कि यह बहुत चिंताजनक है कि शिक्षा अक्सर बार-बार होने वाले चुनावों का सबसे बुरा शिकार बनती है। हर बार जब चुनाव की घोषणा होती है, तो शैक्षणिक संस्थानों का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित होता है। शिक्षकों को पढ़ाने की अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी से हटा दिया जाता है, जिससे छात्रों की निरंतरता और प्रमुख अवधारणाओं की समझ प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता के कारण सरकारें अपने 5 साल के कार्यकाल में से केवल 3.5 साल तक ही प्रभावी रूप से शासन करती हैं। एक राष्ट्र, एक चुनाव शासन को सुव्यवस्थित करेगा, नीतिगत व्यवधानों को कम करेगा और दीर्घकालिक टिकाऊ और समावेशी विकास के लिए अनुकूल एक स्थिर राजनीतिक वातावरण तैयार करेगा। जब इसे लागू किया जाएगा, तो यह हमारे देश के इतिहास में सबसे बड़ा चुनावी सुधार माना जाएगा।
HSNC बोर्ड की प्रतिबद्धता को सराहा
पूर्व राष्ट्रपति श्री कोविंद ने शिक्षा के प्रति HSNC बोर्ड की अटूट प्रतिबद्धता, युवाओं को सशक्त बनाने में इसकी भूमिका और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को नया रूप देने और लागू करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने शिक्षा को राष्ट्रीय विकास की आधारशिला बताया और छात्रों को उत्कृष्टता के लिए निरंतर प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया। श्री कोविंद ने कहा, “शिक्षा सशक्तिकरण का सबसे बड़ा साधन है; इसमें लाखों लोगों की नियति बदलने की शक्ति है।” व्यक्तिगत अनुभवों साझा करते हुए उन्होंने कहा, “गांव से लेकर देश की संसद तक, उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक और अंततः भारत के राष्ट्रपति के रूप में शिक्षा ने मुझे अपने जीवन को बदलने में सक्षम बनाया।” इस अवसर दौरान श्री कोविंद ने ‘75वें वर्ष की उपलब्धियों’ की पुस्तक का विमोचन भी किया। एचएसएनसी विश्वविद्यालय, मुंबई की कुलपति कर्नल प्रो. हेमलता बागला ने मुख्य अतिथि श्री राम नाथ कोविंद का परिचय दिया और कहा कि वे ईमानदारी, समावेशिता और सेवा के प्रतीक हैं।
विद्यार्थियों का समग्र निर्माण हमारा लक्ष्य : एड. अनिल हरीश
एचएसएनसी बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और एचएसएनसी यूनिवर्सिटी के प्रोवोस्ट एडवोकेट अनिल हरीश ने सभी विशिष्ट अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और समग्र शिक्षा और वैश्विक उत्कृष्टता के दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम अपने संस्थानों के माध्यम से एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं, जहां हमारे छात्र पूर्ण जीवन जीने और दुनिया में सार्थक प्रभाव डालने के लिए आवश्यक कौशल, ज्ञान और मूल्यों से लैस होंगे।”
एचएचएनसी विवि. ने पांच साल में कायम की मिसाल : डॉ. हीरानंदानी
एचएसएनसी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने पिछले पांच वर्षों में एचएसएनसी विश्वविद्यालय की उल्लेखनीय प्रगति पर विचार करते हुए एक सारगर्भित वक्तव्य दिया, जिसमें उन्होंने अनुसंधान केंद्रों की संख्या तीन गुना बढ़ाने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, कानून और प्रदर्शन कला जैसे अत्याधुनिक पाठ्यक्रमों में विस्तार जैसी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
50 हजार विद्यार्थियों का परिवार है बोर्ड : प्रिंसिपल पंजवानी
बोर्ड के सेक्रेटरी प्रिंसिपल दिनेश पंजवानी ने बोर्ड के तत्वावधान में वर्ष भर चलने वाले समारोहों, शैक्षणिक उपलब्धियों और 75वें वर्ष के दौरान प्राप्त महत्वपूर्ण उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें शैक्षणिक बुनियादी ढांचे के विस्तार और संवर्धन के उद्देश्य से अलीबाग में नए परिसर का अधिग्रहण भी शामिल है। उन्होंने गर्व से उल्लेख किया, “एचएसएनसी बोर्ड ने अपने 25 संस्थानों में 50,000 छात्रों की उपलब्धि हासिल की है।”
नेतृत्वकर्ताओं का हुआ सम्मान
इस अवसर पर एचएसएनसी बोर्ड के प्रमुख नेतृत्व कार्ताओं, जिन्होंने 2003 से 2024 के बीच बोर्ड की शानदार यात्रा को आकार देने, नए संस्थानों को जोड़ने और अकादमिक विस्तार का नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, को पूर्व अध्यक्ष के हाथों सम्मानित किया गया। एचएसएनसी बोर्ड के वरिष्ठतम सदस्य और पूर्व अध्यक्ष किशु मनसुखानी, एचएसएनसी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. निरंजन हीरानंदानी और एचएसएनसी विश्वविद्यालय, मुंबई के प्रोवोस्ट अनिल हरीश का अभिनंदन एचएसएनसी विश्वविद्यालय की कुलपति कर्नल प्रोफेसर हेमलता बागला, केसी लॉ कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. कविता लालचंदानी, एचआर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स की प्रिंसिपल डॉ. पूजा रामचंदानी और श्रीमती एमएमके कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. किशोर पेशोरी द्वारा किया गया।
इनकी रही उपस्थिति
हैदराबाद (सिंध) नेशनल कॉलेजिएट बोर्ड (HSNC बोर्ड) ने भारत के 14वें राष्ट्रपति माननीय श्री राम नाथ कोविंद की उपस्थिति में एक प्रतिष्ठित समारोह में भव्यता और गौरव के साथ अपना 75वां वार्षिक समापन समारोह मनाया। इस समारोह में बोर्ड की चिरस्थायी विरासत और शिक्षा, नवाचार, सामुदायिक सेवा और राष्ट्रीय विकास में उल्लेखनीय योगदान का उत्सव मनाया गया। इस समारोह में HSNC बोर्ड के सदस्य, पूर्व प्रो-वीसी, पूर्व छात्र और अन्य विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। एचएसएनसी बोर्ड के सभी शैक्षणिक संस्थानों के प्रधानाचार्य, शिक्षक और कर्मचारियों के साथ-साथ लगभग एक हजार छात्र भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। साथ ही दूरस्थ स्थित अन्य परिसरों से भी कई लोग लाइव स्ट्रीम के माध्यम से इसमें शामिल हुए।

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