-फर्जी अकाउंट और सिम स्वैपिंग कैसे होगी खत्म?
फिरोज खान / मुंबई
बीते साल मुंबई सहित देश के कई शहरों में साइबर ठगी के हजारों मामले सामने आए और करोड़ों रुपए का चूना लोगों को लगा। इन मामलों में पुलिस द्वारा की गई जांच में जो बात सामने आई है, वह बेहद चौंकाने वाली है। सायबर ठगों के लिए फर्जी बैंक खाते खुलवाने और सिम स्वैपिंग की धोखाधड़ी के मामलों में बैंक और टेलीकॉम कंपनी के ‘साहब’ लोग यानी कर्मचारियों के शामिल होने की बात सामने आई है।
बता दें कि हाल ही में २५ दिसंबर को कांदिवली में एक कंपनी के मालिक का सिम स्वैप कर ७.५ करोड़ की ठगी का मामला सामने आया और सांताक्रुज में एक मैकेनिकल इंजीनियर से सिंगापुर में नौकरी दिलवाने के नाम पर १० लाख रुपए की ठगी किए जाने की भी जानकारी सामने आई। पूरे साल की बात करें तो निवेश दोखाधड़ी के ८९६, नौकरी धोखाधड़ी के ३८८, फर्जी वेबसाइट के ९४ मामले दर्ज हुए। इस तरह की कुल धोखाधड़ी में लोगों को अरबों रुपए का चूना लगा। साइबर पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि साइबर ठगों के गैंग में बैंक और टेलीकॉम कंपनी के कर्मचारी शामिल हैं। मुंबई साइबर क्राइम फर्जी वेबसाइट के माध्यम से क्रिप्टो मार्वेâट में निवेश कराकर ४५ लाख रुपए की ठगी करने के मामले की जांच कर रही थी। जांच में सामने आया कि ठगी के लिए इस्तेमाल बैंक खाता फर्जी तरीके से खोला गया था। इस काम में यस बैंक का एक कर्मचारी शामिल था। आरोपी से पूछताछ में पता चला कि उसने अपना टारगेट पूरा करने के लिए फर्जी तरीके से बैंक खाते खुलवाकर साइबर ठगों को उपलब्ध करवाए।
इसी तरह जॉब दिलवाने के नाम पर ३५ लाख की ठगी के मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच जांच कर रही थी। इस मामले में पुलिस ने १८ लोगों को गिरप्तार किया। पूछताछ में पता चला कि आरोपी पार्ट टाइम जॉब देने का झांसा देकर लोगों को ठगने का काम करते थे। पूछताछ में यह भी पता चला कि आरोपियों ने बैंक कर्मचारियों की मदद से १८ बैंकों में १५० से ज्यादा फर्जी एकाउंट खुलवाए थे। इन खातों में लूट का पैसा ट्रांसफर किया जाता था। पुलिस ने बताया कि आरोपी बेहद शातिराना तरीके से ठगी के काम को अंजाम दे रहे थे।
इसी तरह सिम स्वैपिंग की बात करें तो इसमें भी टेलीकॉम कंपनी के कर्मचारियों की मदद से धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता है। सिम स्वैपिंग एक तरह का लीगल प्रोसेस है, लेकिन इसका इस्तेमाल टेलीकॉम कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत से करोड़ों की ठगी के लिए किया जाता है।