सामना संवाददाता / मुंबई
उद्योगपति गौतम अडानी ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनके ‘सागर’ बंगले पर मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान बंद कमरे में लगभग डेढ़ घंटे तक चर्चा हुई। वहीं दूसरी ओर लॉरी एसोसिएशन की मांगों को नजरअंदाज करते हुए अडानी ग्रुप के कागल स्थित महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा पर जकात नाका को पुलिस सुरक्षा दी गई है। इस मामले को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और सांसद संजय राऊत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे महाराष्ट्र को अडानी के हवाले करने के लिए गैरकानूनी तरीके से सत्ता हासिल की गई।
संजय राऊत ने कहा कि दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और बड़े उद्योगपति जो प्रधानमंत्री मोदी के करीबी हैं, अब महाराष्ट्र के टोल नाके भी चलाना चाहते हैं। उन्होंने जकात नाके, हवाई अड्डे, सब्जी मंडियां, बाजार समितियां, संसद और सरकार सब कुछ पर कब्जा कर लिया है। अब स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि सभी स्तरों पर लूट जारी है।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अडानी की मुलाकात के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र को कैसे लूटा जा रहा है। जकात नाके सिर्फ अडानी को क्यों दिए जा रहे हैं? सरकार किस दबाव में काम कर रही है? सत्ता हासिल करने के लिए गैरकानूनी तरीके अपनाए गए।
राऊत ने राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार न होने पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आए २० दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हुआ। गृह विभाग का जिम्मा भी तय नहीं हुआ है। इससे कानून- व्यवस्था चरमरा गई है। बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। पुणे में विधायक योगेश टिलेकर के मामा का अपहरण और हत्या हुई।
धनखड़ सदन नहीं, सर्कस चला रहे हैं’
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बुधवार को विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस मौके पर संजय राऊत ने जगदीप धनखड़ पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वे सदन नहीं चला रहे, बल्कि सर्कस चला रहे हैं। संजय राऊत ने कहा कि मैं पिछले २२ वर्षों से सदन का हिस्सा हूं। मैंने अब तक राज्यसभा के चार सभापति देखे हैं, जिनमें वेंकैया नायडू, भैरोंसिंह शेखावत और दो बार हामिद अंसारी रहे, लेकिन जो हालात आज हैं, वह मैंने पहले कभी नहीं देखे। इतनी गंभीर स्थिति में भी सभापति मजा ले रहे हैं। अगर इसी तरह सदन चलता रहा, तो देश में संविधान और लोकतंत्र नहीं बचेगा।
भाजपा पर निशाना साधते हुए राऊत ने कहा कि भाजपा के पास पैसे और मशीनरी है। वे दहशत फैलाकर लोगों को तोड़ते हैं। इससे पहले भी उन्होंने ऐसा किया। यह ऑपरेशन लोटस नहीं, बल्कि ऑपरेशन डर था। डर दिखाकर लोगों को भगाया गया और वहां पहुंचने के बाद उनके खिलाफ केस बंद कर दिए गए। भाजपा की सत्ता में नैतिकता नाम की कोई चीज नहीं है।