शक्तिपीठ महामार्ग विरोधी संघर्ष समिति की बैठक में हुआ फैसला
सामना संवाददाता / मुंबई
शक्तिपीठ महामार्ग के मुद्दे पर महायुति सरकार की दोहरी भूमिका पर विपक्ष पूरी तरह से आक्रामक हो गया है। इसके खिलाफ कल हुई शक्तिपीठ महामार्ग विरोधी कृति समिति की बैठक में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष और कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने १२ मार्च को विधानसभा पर मोर्चा निकालने का पैâसला किया है। दूसरी तरफ विपक्ष का आरोप है कि सरकार में रहकर मंत्रियों और विधायकों द्वारा अलग-अलग बयान देना सरकार का षड्यंत्र है। विपक्ष ने सवाल किया है कि गोवा जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग होने के बावजूद किसानों पर शक्तिपीठ महामार्ग क्यों लादा जा रहा है। यह प्रोजेक्ट ८६ हजार करोड़ का है और एक किलोमीटर पर ११० करोड़ रुपए खर्च होने वाले हैं। इस बीच यह भी चेतावनी दी गई है कि जनता के पैसों की हो रही इस बर्बादी के खिलाफ अब लड़ाई को अदालत में ले जाने की बजाय सड़क पर लड़ा जाएगा।
कांग्रेस नेता व विधान परिषद में सदस्य सतेज पाटील ने कहा कि आगामी अधिवेशन में महाविकास आघाड़ी के रूप में हम सभी मजबूती के साथ सवाल उठाएंगे। उन्होंने कहा कि शक्तिपीठ महामार्ग किसानों को बेघर करने वाला प्रोजेक्ट है। इसलिए हम १२ मार्च को बजट सत्र के दौरान भव्य मोर्चा निकालेंगे। इसी के साथ ही उन्होंने किसानों से अपील की कि वे बड़ी संख्या में इस मोर्चे में शामिल होकर सरकार को अपनी ताकत दिखाएं।
विरोध को देख हिल गए हैं सत्तारूढ़
शक्तिपीठ महामार्ग विरोधी संघर्ष समिति के समन्वयक गिरीश फोंडे ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए कोल्हापुर की पहचान है। उन्होंने कहा कि शक्तिपीठ के विरोध को देखकर सत्तारूढ़ दल हिल गए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं। किसानों की जमीन छीनने का काम सरकार कर रही है। लातूर जिले के गजेंद्र यलकर ने कहा कि किसानों की जमीन लूटी जा रही है। उन्होंने नदी जोड़ जैसे प्रोजेक्ट देने की मांग की और बागायती जमीन पर आरक्षण लगाने वाले प्रोजेक्टों का विरोध किया।
विरोध न होने का पैदा किया जा रहा भ्रम
सोलापुर के किसान विजयकुमार पाटील ने कहा कि कोल्हापुर जिले को छोड़कर अन्य जिलों में शक्तिपीठ महामार्ग का विरोध नहीं होने का भ्रम पैदा किया जा रहा है, लेकिन सोलापुर जिले से भी इसका विरोध है। उन्होंने सरकार से दिग्भ्रमित न करने की अपील की। परभणी के किसान शांति भूषण कचवे ने चेतावनी दी कि यदि शक्तिपीठ लादा गया तो किसानों का उग्र विरोध होगा। सांगली के घनश्याम नलवाड़े ने कहा कि यह महामार्ग किसानों को बर्बाद करने वाला है। हिंगोली के सूरज मालवाड़ ने कहा कि हिंगोली जिले से भी इसका विरोध है। नांदेड के कचरू मुढल ने कहा कि शक्तिपीठ महामार्ग लादा गया तो वे प्राणों की आहुति दे देंगे। धाराशिवनगर के संभाजी फडतारे ने कहा कि वे अपने माता-पिता की आंखों में आंसू नहीं देख सकते और शक्तिपीठ को रद्द करने की मांग की।