सुनील ओसवाल / मुंबई
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार का गठन हुए करीब २ माह हो चुके हैं। अभी तक कई मंत्रियों और दोनों उप मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। मिली जानकारी के मुताबिक, ओएसडी और निजी सहायकों की नियुक्ति की जिम्मेदारी संघ ने संभाली थी।
राज्य में महायुति सरकार में एक मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री हैं। तीन पार्टी की सरकार होने के बावजूद किसको ओएसडी और निजी सहायकों को नियुक्त करना है, इसकी जिम्मेदारी भी संघ ने संभाली थी, ऐसा बताया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंत्रियों के यहां के निजी सचिव और ओएसडी की नियुक्ति पर इसलिए निगरानी रखी थी, क्योंकि मुख्यमंत्री करीब एक दर्जन से ज्यादा `दागी’ अधिकारियों को मंत्रालय में नहीं रखना चाहते थे। एक अधिकारी ने कहा कि हमें दागी बोलकर हमें बदनाम किया जा रहा है, ऐसी जानकारी नाम न छापने की शर्त पर दी गई। फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में कुछ मंत्रियों की सिफारिश पर ओएसडी और निजी सहायकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया।
२ महीने से कई मंत्रियों और दोनों उप मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। ये गैरसरकारी अधिकारी हैं, जो मंत्रियों के साथ बतौर विशेष कार्यकारी अधिकारी (ओएसडी) व निजी सचिव के रूप में कार्य कर रहे हैं। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इनकी नियुक्ति में मुख्यमंत्री कार्यालय से हरी झंडी नहीं मिलने के चलते देरी हुई। इसकी वजह से २ महीने से काम कर रहे इन अधिकारियों को वेतन नहीं मिला है। अधिकारी ने उम्मीद जताई कि अगले महीने से इन्हें समय पर वेतन मिलना शुरू हो जाएगा।