बहस से बाहर

इस एक महीने में
इस धरती पर
अकारण
कितने बच्चे मरे होंगे!

अकारण मतलब
बिना किसी गंभीर बीमारी के
बिना बाढ़ के
बिना अकाल के
बिना किसी प्राकृतिक आपदा के

अकारण मतलब
न उनपर कोई वैक्सीन
टेस्ट की जा रही है
न उनके मारे जाने से
किसी शासक
किसी पूँजीपति
किसी तानाशाह को
कोई स्थाई या अस्थाई
लाभ ही पहुँच रहा है
न तमाशाइयों को
ख़ास मज़ा ही आ रहा है

अगर इन कारणों से
मर रहे होते बच्चे
तो संतोष होता कि
अकारण नहीं मर रहे बच्चे

बच्चे मर रहे हैं
अफ़गानिस्तान में
यूक्रेन,रूस में
फ़िलीस्तीन, इज़राइल में
एशिया,अफ़्रीका
योरोप में भी
लगभग
पूरी पृथ्वी पर ही
मर रहे हैं बच्चे
या मारे जा रहे हैं

न उनकी चीख़
न उनकी कराह
न उनकी वेदना
कुछ भी नहीं पहुँच रही
हमारे कानों तक
तो सिर्फ़ इसलिए
कि बहुत शोर है
हमारे चारों ओर

टीवी चैनलों का शोर
मोबाइल फ़ोनों का शोर
पर्व उत्सवों का शोर
सियासी हंगामों का शोर
बाज़ारू पैगामों का शोर

इध शोर-शराबों के बीच
दफ़्न हो जाती हैं
बेबस आहें
नहीं नज़र आतीं
वे मौत की राहें
जिनपर निकल पड़े हैं
दुनियाभर के बच्चे
सुबह-सुबह
जबकि हम अभी तक
नींद में हैं

-हूबनाथ

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