अमिताभ श्रीवास्तव
तो अब ऐसी मानसिकता बनने लगी है, आईसीसी विचार करने लगा है कि पाकिस्तान से चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी छीन ली जाए। दरअसल, पाकिस्तान इस समय अपनी औकात में है। पूरा देश जल रहा है। राजनैतिक अस्थिरता ऐसी है कि जितने भी अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट उसके यहां हो रहे हैं सब लगभग रद्द किए जा रहे हैैं, खिलाड़ी स्वदेश भाग रहे हैं। ऐसे में आईसीसी विचार करने लगा है कि क्रिकेट का यह बड़ा आयोजन पाकिस्तान से छीन कर किसी अन्य देश में कराया जाए। इंडिया ने कह दिया है कि वो पाकिस्तान खेलने नहीं जाएगा और यदि आईसीसी को उचित जान पड़े तो वो मेजबानी भी कर सकती है। दरअसल, बड़ी-बड़ी डींगें हांकने के बाद पाकिस्तान के तेवर अब नरम होते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान में हाल ही में राजनीतिक विरोध-प्रदर्शनों के बाद चैंपियंस ट्रॉफी २०२५ पूरी तरह से किसी दूसरे देश में आयोजित होने की स्थितियां बनने लगीं है। इस्लामाबाद में चल रहे राजनीतिक विरोध-प्रदर्शनों का असर सीधे तौर पर खेलों पर पड़ता दिख रहा है। श्रीलंका की ‘ए’ टीम अब वापस अपने देश लौट रही है। उसने पाकिस्तान शाहीन्स के खिलाफ चल रही वनडे सीरीज को बीच में ही छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि यह आईसीसी बोर्ड की वर्चुअल बैठक से एक दिन पहले हुआ है, जो २०२५ चैंपियंस ट्रॉफी के कार्यक्रम पर पैâसला करेगी। ऐसे में इस मामले को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है। कुछ और प्रतिभागी देशों के सुरक्षा संबंधी चिंता व्यक्त किए जाने के कारण, इस आयोजन को पाकिस्तान से बाहर ले जाने का खतरा मंडरा रहा है। बढ़ते दबाव के कारण पीसीबी अब इसे हाइब्रिड मॉडल में आयोजित करने पर सहमति जता सकता है। देश में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सफल आयोजन के पाकिस्तान के दावों को बड़ा झटका लगा, जब श्रीलंका ‘ए’ टीम ने पाकिस्तान की राजधानी में चल रहे बवाल के कारण अपना दौरा रद्द करने का फैसला लिया। इसके बाद ही पीसीबी ने पाकिस्तान शाहीन्स और श्रीलंका ‘ए’ के बीच होने वाले आखिरी दो ५० ओवर के मैचों को स्थगित कर दिया है। रद्द किए गए मैच बुधवार और शुक्रवार को खेले जाने थे। इस वक्त पाकिस्तान की राजधानी में पूरी तरह अराजकता है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक और जनरल आसिम मुनीर की सेना के बीच टकराव बढ़ गया है। पाकिस्तान १९९६ के बाद से अपने पहले आईसीसी इवेंट की मेजबानी करने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन इस घटना के बाद इसकी संभावनाएं कम नजर आ रही हैं। पाकिस्तान की राजधानी में इस समय सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, क्योंकि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और क्रिकेटर इमरान खान के समर्थकों ने बड़ी संख्या में राजधानी की घेराबंदी कर रखी है। भारत के चैंपियंस ट्रॉफी खेलने के लिए पाकिस्तान जाने से इनकार करने के बाद से ही पड़ोसी मुल्क की परेशानी बढ़ी हुई थी। ऐसे में वहां चल रहे बवाल ने इस टूर्नामेंट की मेजबानी को और भी असंभव बना दिया है। अब आईसीसी जल्द ही फैसला लेगी कि क्या पाकिस्तान से मेजबानी छीन ली जाएगी या इसका कोई और विकल्प होगा। श्रीलंका ‘ए’ टीम का दौरा रद्द होने के पीछे चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाने वाले खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर चिंता हो सकती है।
मेस्सी के बेटे में मेराडोना की आत्मा
अर्जेंटीना को मिल सकता है दूसरा मेराडोना
हालांकि, अभी यह कहना बहुत जल्दी होगा, मगर जैसा कि कल लोग कहते नजर आए कि लगता है फुटबाल के महान खिलाड़ी डियोगो मेराडोना की आत्मा लियोनल मेस्सी के बेटे थियागो में आ गई है। अर्जंेटीना के भविष्य के लिए यह एक सुखद क्षण था। दरअसल, लियोनेल मेस्सी और लुइस सुआरेज के बेटे पहली बार इंटर मियामी के लिए एक साथ खेले। यह एक आकर्षण का अवसर था। अपने बेटों को खेलते हुए देखना माता-पिता के लिए बहुत खुशी की बात होती है तो इस मैच में दोनों की पत्नियां अपने बेटों को खेलते हुए देखने स्टेडियम में मौजूद थी। दोनों को न्यूवेल्स कप में सामना करना था। अर्जेंटीना के रोसारियो में हुए मैच में उनकी मियामी टीम जीत गर्इं। इस जीत में इस जोड़ी ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। १२ वर्षीय थियागो मेस्सी ने अपने पिता की प्रतिष्ठित नंबर १० शर्ट पहनी थी, और मैदान पर मेराडोना की तरह दौड़ता भागता नजर आया। उसने भी मेराडोना और पिता लियोनल की तरह ही ऐसा पास दिया जिस पर बार्सिलोना के महान खिलाड़ी को गर्व होता। गेंद उसे ‘डी’ के ठीक बाहर दी गई और उसने अपने साथी खिलाड़ी को शानदार पहली बार पास दिया, जिसने प्रतिद्वंद्वी को चकमा भी दिया मगर गेंद को बाहर मार दिया। लेकिन उनके करीबी दोस्त बेंजामिन सुआरेज, जो लुइस सुआरेज के बेटे हैं, स्कोरशीट पर नाम दर्ज कराने में सफल रहे। इस युवा खिलाड़ी ने अपने पिता की तरह क्रॉस के अंत में पहुंचकर गेंद को गोल में पहुंचाने की करामात दिखाई। मेस्सी की पत्नी एंटोनेला स्टैंड से यह मैच देख रही थीं, इंटर मियामी का सामना न्यूवेल्स ओल्ड बॉयज से भी था, जहां मेस्सी एक युवा खिलाड़ी के रूप में आए थे। वे उस मुकाबले में १-० से हार गए, लेकिन पेनारोल के खिलाफ उन्होंने वापसी की, जिसका श्रेय कुछ हद तक मेस्सी और सुआरेज जूनियर को जाता है। ये लड़के इंटर मियामी के लिए न्यूवेल्स कप में युवा टूर्नामेंट के दसवें संस्करण में प्रतिस्पर्धा कर रहे थे, जिसमें उत्तर और दक्षिण अमेरिका के आठ क्लब शामिल थे। बच्चों के प्रदर्शन से प्रशंसक काफी प्रभावित हुए तथा एक ने तो थियागो को ‘बैलर’ बताया। एक अन्य प्रशंसक ने कहा, ‘लुइस सुआरेज के बेटे बेंजामिन को अपने पिता की यह प्रवृत्ति विरासत में मिली है कि वह अपने आस-पास की हर चीज को जायफल से भर देते हैं, या ऐसा ही लगता है।’
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)