मुख्यपृष्ठखेलआउट ऑफ पवेलियन : डार्ट्स विश्व चैंपियनशिप की धोखेबाजी

आउट ऑफ पवेलियन : डार्ट्स विश्व चैंपियनशिप की धोखेबाजी

अमिताभ श्रीवास्तव

डार्ट्स वर्ल्ड कप चल रहा है और इसमें की जाने वाली धोखेबाजी की चर्चा पूरे डार्ट्स जगत में पैâली हुई है। इस स्पर्धा के दौरान ऐसे कई प्रयोग किये जाते हैं, जिससे खिलाड़ी का ध्यान चूक जाए और तीर निशाने पर नहीं लगे। इसमें बीयर से पीने लेकर काले जादू तक का खेल होता है।
दरअसल, डार्ट्स में १८० अंक प्राप्त करना कोई छोटी बात नहीं है और जब आपके बगल में कोई व्यक्ति बैठा हो और वह २४ बोतल बीयर पी रहा हो, तो लक्ष्य पर निशाना लगाना और भी कठिन हो जाता है। यही नहीं ‘ फार्ट-गेट’ के नाम से भी धोखेबाजी की जाती। जो डार्ट्स विश्व चैंपियनशिप को प्रभावित करने वाले कई घोटालों में से एक है और यह इन दिनों लंदन के एलेक्जेंड्रा पैलेस में पूरे जोरों पर है। यहां तक कि एक प्रतियोगी को अपनी आधी उम्र की महिला के साथ चुंबन करते हुए पकड़े जाने से लेकर झगड़ा करने की घटना भी हुई है और दिलचस्प है यह भी है कि डार्ट खिलाड़ियों ने वर्षों से अनेकों काले जादू आजमाए हैं, उनमें से फार्टिंग एक ऐसी कला है जो टीवी पर किसी का ध्यान नहीं खींचती। एंडी ‘द वाइकिंग’ फोर्डम ने खुलासा किया कि डार्ट खेलते समय उन्होंने इतनी बीयर पी ली थी कि तीन दिन बाद वे ब्रेथलाइजर परीक्षण में असफल हो गए। बताया जाता है कि यह विशालकाय व्यक्ति प्रतिदिन २४ बोतल बीयर पीता था और खेलते समय हिपफ्लास्क से ब्रांडी भी पीता था। २००७ में, वह अपने सबसे बुरे दौर से गुजरा, जब ब्रिटिश डार्ट्स ऑर्गनाइजेशन विश्व चैंपियनशिप के दौरान मंच के पीछे उसकी हालत खराब हो गई थी।
पांच बार के विश्व चैंपियन, जिनका उपनाम बार्नी है, मार्च २०१९ में प्रीमियर लीग डार्ट्स में हार के बाद घंटों चुंबन करते हुए प्रसन्न दिख रहे थे। जस्टिन पाइप को तो ‘ घृणित’ और ‘घृणित’ करार दिया गया था, क्योंकि उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी की २०१७ विश्व चैम्पियनशिप को बर्बाद करने के लिए उसके ध्यान को खांसी कर के भंग किया था। यहां तक कि इस वर्ष की शुरुआत में, तीन डार्ट्स खिलाड़ियों को खेलों पर सट्टेबाजी के कारण निलंबित कर दिया गया था। ये आरोप जैक मेन, प्रकाश जीवा और एंडी जेनकिंस द्वारा खेले गए मैचों और मोडस सुपर सीरीज से संबंधित थे। तो डार्ट्स विश्व कप में ऐसी हरकतें बहुत आम हो गई है। विश्व कप चल रहा है और इसमें होने वालीr घटनाएं भी सामने आने लगीं है।
नहीं खेल पाएगी टीम इंडिया टेस्ट वर्ल्ड चैंपियनशिप
हर कोई कह रहा है, खबरें आ रही हैं कि टीम इंडिया के लिए तीसरा मैच ड्रा होने से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियपशिप के दरवाजे उसके लिए खुल गए हैं, मगर ऐसा है नहीं। आखिर क्या कारण है कि टीम इंडिया टेस्ट फाइनल में नही पहुंच पाएगी?
दरअसल, भारतीय टीम जब पांच टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेलने ऑस्ट्रेलिया पहुंची थी तो न सिर्फ ट्रॉफी अपने पास रखने की चुनौती थी, बल्कि पिछले दो बार की तरह ही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में पहुंचने का भी दबाव था। भारत को डब्ल्यूटीसी फाइनल में लगातार तीसरी बार जगह बनाने के लिए ४-१ से टेस्ट सीरीज जीतनी थी। पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट में २९५ रन से जीत मिली तो कुछ उम्मीद जगी, लेकिन एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया से हार के कारण भारतीय टीम डब्ल्यूटीसी तालिका में तीसरे स्थान पर आ गई। अब ब्रिस्‍बेन टेस्ट ड्रॉ होने के बाद भारतीय टीम के लिए डब्ल्यूटीसी फाइनल की डगर और कठिन हो गई है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गाबा टेस्ट ड्रॉ होने का अर्थ है कि अगर भारतीय टीम दूसरे परिणामों पर निर्भर नहीं रहना चाहती तो उसे मेलबर्न और सिडनी में होने वाले अगले दोनों टेस्ट मैच जीतने होंगे। रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम अगर दो टेस्ट जीतने में सफल रहती है तो उसकी जीत का प्रतिशत ६०.५३ हो जाएगा, जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम श्रीलंका से २-० से टेस्ट सीरीज जीतने के बाद भी ५७.०२ प्रतिशत अंक पर ही पहुंच पाएगी। हालांकि यह एक कठिन डगर है।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

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